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आधुनिक समय की कड़वी सच्चाई
ये कड़वी सच्चाई है…!!
- हमारी संस्कृति हमारी सोच नदी तालाब मेँ नहाने मेँ शर्म आती है, और स्विमिँग पूल मेँ तैरने को फैशन कहते हो….
- गरीब को एक रुपया दान नहीँ कर सकते, और वेटर को टिप देने मेँ गर्व महसूस करते हो..
- माँ बाप को एक गिलास पानी भी नहीँ दे सकते, और नेताओँ को देखते ही वेटर बन जाते हो….
- बड़ोँ के आगे सिर ढकने मेँ प्रॉबलम है, लेकिन धूल से बचने के लिए ‘ममी’ बनने को भी तैयार हो..
- पंगत मेँ बैठकर खाना दकियानूसी लगता और पार्टियोँ मेँ खाने के लिए लाइन लगाना अच्छा लगता है…
- बहन कुछ माँगे तो फिजूल खर्च लगता है, और गर्लफ्रेँड की डिमांड को अपना सौभाग्य समझते हो..
क्या ये सही है यदि नहीं तो सोचो और समझो
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