2016-07-31

अक्षरा सिंह - भोजपुरी फिल्मों की अभिनेत्री

भोजपुरी फिल्मों में ज्यादातर अभिनेत्रियां दूसरी भाषाओं की हैं। उनका न तो बिहार से कोई संबंध है और न ही भोजपुरी से, इसके बावजूद वे सफल हैं। वहीं, हाल के दिनों में बिहार की कई अभिनेत्रियां भोजपुरी फिल्मों में सक्रिय हुईं हैं। वे लगातार बेहतर काम करते हुए अन्य अभिनेत्रियों को जोरदार टक्कर दे रही हैं। ऐसी ही एक अभिनेत्री हैं अक्षरा सिंह।



अक्षरा मूल रुप से बिहार की राजधानी पटना की रहने वाली हैं। उनका जन्म राजधानी पटना में 30 अगस्त को हुआ था। अक्षरा को अभिनय विरासत में मिला, लेकिन राहें आसान नहीं थी। अक्षरा के पिता बिपिन सिंह जहां भोजपुरी फिल्मों में चरित्र अभिनेता हैं, वहीं मां नीलिमा सिंह भी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी रही हैं।

पिंजरे का तोता

पिंजरे का तोता

एक समय की बात हैं, एक सेठ और सेठानी रोज सत्संग में जाते थे। सेठजी के एक घर एक पिंजरे में तोता पाला हुआ था। तोता रोज सेठ-सेठानी को बाहर जाते देख एक दिन पूछता हैं कि सेठजी आप रोज कहाँ जाते है। सेठजी बोले कि भाई सत्संग में ज्ञान सुनने जाते है। तोता कहता है सेठजी फिर तो कोई ज्ञान की बात मुझे भी बताओ। तब सेठजी कहते हैं की ज्ञान भी कोई घर बैठे मिलता हैं। इसके लिए तो सत्संग में जाना पड़ता हैं। तोता कहता है कोई बात नही सेठजी आप मेरा एक काम करना। सत्संग जाओ तब संत महात्मा से एक बात पूछना कि में आजाद कब होऊंगा।

हैप्पी भाग जाएगी का ट्रेलर

हैप्पी भाग जाएगी का ट्रेलर - इस फिल्म के ट्रेलर को देख नहीं रोक पाएंगी अपनी हंसी

कॉकटेल फिल्म से बॉलीवुड में पहचान बनाने वाली डायना पैंटी लम्बे अरसे बाद परदे पर दिखाई देंगी। इस बार वह हैप्पी भाग जाएगी फिल्म में...



मुदस्सर अजीज के निर्देशन में बनी इस फिल्म को तनु वेड्स मनू के डायरेक्टर आनंद एल राय ने प्रोड्यूस किया है। फिल्म में डायना पेंटी हैप्पी का किरदार अदा कर रही है, जो अपनी शादी वाले दिन ही भाग जाती है। हैप्पी के दुल्हे का किरदार जिम्मी शेरगिल अदा कर रहे हैं।

थोडे मजेशीर

थोडे मजेशीर .....

1. बदलत्या काळानुसार प्रत्येक आईवडीलांनी ही गोष्ट समजून घ्यावी की, मुलांना पराठे आणि मुलीला कराटे येणे गरजेचे आहे.
2. भारतातीले लोक हेलमेट घालणार नाहीत, पण मोबाईलला स्क्रीनगार्ड नक्की लावणार. म्हणजे डोकं फुटून रक्त वाहत गेलं तरी चालेल, पण मोबाईल स्क्रीनला स्क्रॅच नाही आला पाहिजे.

एक मराठी बोधकथा

एक बोधकथा

एकदा एका मुलाने साप पाळला. तो त्या सापावर प्रेम करत होता आणि त्याच्यासमवेतच घरी रहात होता. एकदा साप आजारी पडला. त्याने खाणे-पिणे सोडून अनेक दिवस झाले. त्यामुळे मुलाला त्याची काळजी वाटली. मुलाने त्याला एका पशुवैद्याकडे नेले. पशुवैद्याने सापाला पडताळल्यानंतर पशुवैद्याचे त्या मुलाशी पुढील संभाषण झाले.
पशुवैद्य : साप तुझ्यासमवेतच झोपतो का ?
मुलगा : हो.
पशुवैद्य : साप तुला अगदी चिकटून झोपतो का ?
मुलगा : हो.
पशुवैद्य : रात्री साप संपूर्ण शरीर ताणतो का ?
मुलगा (अतिशय आश्‍चयाने) : हो, वैद्यजी ! हा रात्री शरीर पूर्णपणे ताणतो; पण मला त्याची ही स्थिती पहावत नाही आणि मी कुठल्याही प्रकारे त्याचे हे दुःख दूर करण्यास असमर्थ आहे !

भाग्य से ज्यादा और समय से पहले

एक सेठ जी थे  -
जिनके पास काफी दौलत थी.
सेठ जी ने अपनी बेटी की शादी एक बड़े घर में की थी.
परन्तु बेटी के भाग्य में सुख न होने के कारण उसका पति जुआरी, शराबी निकल गया. 
जिससे सब धन समाप्त हो गया.
बेटी की यह हालत देखकर सेठानी जी रोज सेठ जी से कहती कि आप दुनिया की मदद करते हो,
मगर अपनी बेटी परेशानी में होते हुए उसकी मदद क्यों नहीं करते हो?

स्वर्ग का देवता - कथा


((((((((((  स्वर्ग का देवता  ))))))))))
यह कथा अपने बच्चो को जरूर सुनाऐं..

लक्ष्मी नारायण बहुत भोला लड़का था। वह प्रतिदिन रात में सोने से पहले अपनी दादी से कहानी सुनाने को कहता था। 
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दादी उसे नागलोक, पाताल, गन्धर्व लोक, चन्द्रलोक, सूर्यलोक आदि की कहानियाँ सुनाया करती थी। 
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एक दिन दादी ने उसे स्वर्ग का वर्णन सुनाया। स्वर्ग का वर्णन इतना सुन्दर था कि उसे सुनकर लक्ष्मी नारायण स्वर्ग देखने के लिये हठ करने लगा।
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दादी ने उसे बहुत समझाया कि मनुष्य स्वर्ग नहीं देख सकता, किन्तु लक्ष्मीनारायण रोने लगा। रोते- रोते ही वह सो गया। 
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उसे स्वप्न में दिखायी पड़ा कि एक चम- चम चमकते देवता उसके पास खड़े होकर कह रहे हैं-  बच्चे ! स्वर्ग देखने के लिये मूल्य देना पड़ता है। 
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तुम सरकस देखने जाते हो तो टिकट देते हो न ? स्वर्ग देखने के लिये भी तुम्हें उसी प्रकार रुपये देने पड़ेंगे।
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स्वप्न में लक्ष्मीनारायण सोचने लगा कि मैं दादी से रुपये माँगूँगा। लेकिन देवता ने कहा- स्वर्ग में तुम्हारे रुपये नहीं चलते। यहाँ तो भलाई और पुण्य कर्मों का रुपया चलता है। 

मैं औऱ मेरी तनहाई

मैं औऱ मेरी तनहाई, अक्सर ये बाते करते हैं;

ज्यादा पीऊं या कम,
व्हिस्की पीऊं या रम;
या फिर तौबा कर लूं,
कुछ तो अच्छा कर लूं;
हर सुबह तौबा हो जाती है,
शाम होते होते फिर याद आती है;

2016-07-21

आंखें बहुत अनमोल हैं इनकी करें खास केयर

आंखें बहुत अनमोल होती है। आंखों से हम प्राकृतिक नजारों का मज़ा लेते हैं। इसलिए इनकी देखभाल करना भी बहुत जरूरी है। अगर हम इनकी अच्छे से केयर करें तो काफी हद तक आंखों की परेशानियों से निजात पाई जा सकती है। अच्छा खान-पान,विटामिन-ए युक्त आहार और कुछ  अन्य बातों का ध्यान रखकर हम अपनी आंखों की सुंदरता बरकरार रख सकते हैं।

1. आंखों की सफाई
आंखों को स्वस्थ रखने के लिए इनकी सफाई रखना बहुत जरूरी है। कई बार आंखों   में जलन, खुजली, पानी आना,  आंखों का लाल होना जैसी समस्या भी आ सकती है। इसके लिए आप आंखों को दिन में 3-4 बार ठंडे पानी से अच्छीं तरह से धोएं।

2. पौष्टिक भोजन 
अपने आहार में विटामिन -ए , प्रोटीन वाले भोजन शामिल करें जैसे दूध, पनीर, मक्खन,अंंडे,फल शामिल करें।

2016-07-16

हमारे ज़माने में मोबाइल नही थे


चश्मा साफ़ करते हुए उस बुज़ुर्ग ने अपनी  पत्नी से कहा, हमारे ज़माने में मोबाइल  नही थे…! 

पत्नी : पर ठीक पाँच बजकर पचपन मिनीट पर में पानी का ग्लास लेकर दरवाज़े पे आती  और आप आ पहुँचते।

पति : हाँ मैंने तीस साल नौकरी की पर आज  तक में समझ नही पाया की, में आता इसलिए तुम पानी लाती। या तुम पानी लेकर आती इसलिये में आता था।

2016-07-14

अपनों के दिल मे रहना आना चाहिए.

बस अपनों के   दिल मे रहना  आना चाहिए...!

कुछ हँस के
     बोल दिया करो, कुछ हँस के
      टाल दिया करो,
यूँ तो बहुत
    परेशानियां है
तुमको भी
     मुझको भी,
मगर कुछ फैंसले
     वक्त पे डाल दिया करो,

2016-07-07

आजकल पराई दीवार पर कान कौन रखता है..

सुप्रभात मित्रो , 

पत्थरों के शहर में कच्चे मकान कौन रखता है.. 
आजकल AC के ज़माने में हवा के लिए रोशनदान कौन रखता है..

अपने घर की कलह से फुरसत मिले, तो सुने..
आजकल पराई दीवार पर कान कौन रखता है..
जहां, जब, जिसका, जी चाहा थूक दिया..

2016-07-02

शनि स्तोत्

दशरथ कृत शनि स्तोत्र
   
जो भी जातक शनि ग्रह, शनि साढ़ेसात‍ी, शनि ढैया या शनि की महादशा से पीड़ित हैं उन्हें दशरथ कृत शनि स्तोत्र का नियमित पाठ करना चाहिए। 


इस पाठ को नियमित करने से भगवान शनि प्रसन्न होते हैं तथा जीवन की समस्त परेशानियों से मुक्ति दिलाकर जीवन को मंगलमय बनाते हैं...


नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठनिभाय च।
नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम: ।।

नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च।
नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।।

नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ  वै नम:।
नमो दीर्घायशुष्काय कालदष्ट्र नमोऽस्तुते।।

नमस्ते कोटराक्षाय दुर्निरीक्ष्याय वै नम:।
नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने।।

प्रेरणादायिक सुविचार जो जिंदगी बदल देंगे

Life inspiring ideas which will change

प्रेरणादायिक सुविचार जो जिंदगी बदल देंगे 


Quote 1 .* जब लोग आपको *Copy* करने लगें तो समझ लेना जिंदगी में *Success* हो रहे हों.
Quoted 2 .* कमाओ…कमाते रहो और तब तक कमाओ, जब तक महंगी चीज सस्ती न लगने लगे.
Quote 3 .* जिस व्यक्ति का लालच खत्म, उसकी तरक्की भी खत्म.
Quote 4 .* यदि *“Plan A”* काम नही कर रहा, तो कोई बात नही *25* और *Letters* बचे हैं उन पर *Try* करों.
Quote 5 .* जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं कि उसने कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की.
Quote 6 .* भीड़ हौंसला तो देती हैं लेकिन पहचान छिन लेती हैं.
Quote 7 .* अगर किसी चीज़ को दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने में लग जाती हैं.
Quote 8 .* कोई भी महान व्यक्ति अवसरों की कमी के बारे में शिकायत नहीं करता.
Quote 9 .* महानता कभी ना गिरने में नहीं है, बल्कि हर बार गिरकर उठ जाने में है.