सुप्रभात मित्रो ,
पत्थरों के शहर में कच्चे मकान कौन रखता है..
आजकल AC के ज़माने में हवा के लिए रोशनदान कौन रखता है..
अपने घर की कलह से फुरसत मिले, तो सुने..
आजकल पराई दीवार पर कान कौन रखता है..
आजकल पराई दीवार पर कान कौन रखता है..
जहां, जब, जिसका, जी चाहा थूक दिया..
आजकल हाथों में पीकदान कौन रखता है..
हर चीज मुहैया है मेरे शहर में किश्तों पर..
आजकल हसरतों पर लगाम कौन रखता है..
आजकल हसरतों पर लगाम कौन रखता है..
बहलाकर छोड़ आते है वृद्धाश्रम में मां बाप को..
आजकल घर में पुराना सामान कौन रखता है...
आजकल घर में पुराना सामान कौन रखता है...
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