2016-01-22

Rebellious Flower

15 जनवरी को पूरी दुनिया भर में ओशो के जीवन पर Rebellious Flower नाम से पिक्चर रिलीज हुई है। जो जीवन भर जिंदगी के प्रेम में जीए और सम्भोग से समाधि की ओर,  मृत्यु में जीवन का जैसे सूत्र देते रहे। उन पर क्या लुभाने वाली पिक्चर बनाई जा सकती है।

जिसमें मार-पीट, चोरी, हिंसा, आगजनी एवम् बन्दूक को जगह नहीं  है, वो किस तरह आम दर्शक का मनोरंजन कर सकेगी। एक ऐसा सवाल जहन में उठता है। पर आपको एक बात बताएँ जिंदगी का नाम मार-काट, हिंसा आगजनी ही नहीं है, अपितु प्रेम, शान्ति और आनन्द भी है। और हर कोई आदमी इसी को पाने के लिए ही यत्न-प्रयत्न और भी बहुत कुछ करने में जीवन बिता देता है फिर भी वो वह हांसिल नहीं कर पाता जिसे प्रेम, शान्ति और आनंद कहते हैं। 

जीवन बहुत कुछ ऐसा है जो करके पाया जाता है। यह बात अपने आप में ठीक भी है, किन्तु जिंदगी का कुछ ऐसा भी महत्वपूर्ण है जो देख और सुनकर पा लिया जाता है। करके नहीं बेकरे भी पा लिया जाता है। कहते हैं फूल के पास खड़े हो जाओ तो उसकी सुगंध और खूबसूरती पकड़ जाती है।

 सुना तो बहुत होगा खरबूजे को देख कर खरबूजा रंग बदलता है। देखते ही देखते आप अलग आदमी हो जाएंगे, आप जो आये थे वो आदमी नहीं रह जाएंगे। आप बदल चुके होंगे। 

सच मानो तो ये पिक्चर ऐसी ही उन सबके लिए जो केवल मात्र देख और सुनकर ही जीवन का वो वेशकीमती पा जाएंगे, जिसकी तुलना नहीं की जा सकती। है न आम के आम गुठलियों के दाम। तो देर किस बात की, जाइए अपने निकटतम सिनेमाघर और आनंद लें जीवन का। 

तो बनाएँ जीवन को Rebellious Flower, कि किस तरह एक बुद्ध पुरुष जीवन को रूपांतरित करता है केवल मात्र उसके पास हो भर जाने से।

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https://youtu.be/sinGQUP-dRU



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