2016-01-04

Shayriya Hindi (शायरिया )


तुम इक घड़ी... इक पल... इक लम्हा...**
✔मेरे साथ बिताने का वादा तो करो....!!
✔मैं हँस कर कई साल... कई सदियाँ...**
✔कई जिंदगी.. तुम्हारा इंतजार कर लूँगा... !

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मैं गुमशुदा सी रात हूँ,
मेरी खुशनुमा सुबह हो तुम....

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काश कोई तो पैमाना होता मोहब्बत
नापने का.!
तो शान से आते हम तेरे सामने
सबूत के साथ.!!

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 ऐ ज़िन्दगी मुझे कुछ मुस्कुराहटें उधार दे दे,
‘अपने’ आ रहे हैं...
मिलने की रस्म निभानी है….!!!

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 मुझसे मत पूछना कि मैं तुम्हे प्यार क्यूँ करता हूँ,
क्यूंकि तब मुझे अपने जीने कि वजह बतानी पड़ेगी ।
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बेनाम रिश्तों की एक बाढ़ सी देखी है
आँगन में कलियों की मुश्कान सी देखी है
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बड़ा तबस्सुम था सबके होंठों पर मेरी मौत के बाद,........
साहेबान.........
पता नहीं क्यों.....
खड़ा होकर रोता रहा कातिल वहां....
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दिल को कागज समझ रखा है क्या.....

आते हो,जलाते हो,चले जाते हो.....
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हाथ की ‪#‎नब्ज‬ काट बैठा हूँ ये सोचकर ,
शायद तुम दिल से निकल ‪#‎जाओ‬ खून के जरिये
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फिर से मिलूँगी तो मुहब्बत हो जाएँगी तुमसे....
सोचती हूँ ,
वादों की सड़क पर तन्हा निकल जाऊँ मैं !!

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दिल पे ना लीजिए अगर कोई आपको बुरा कहे..
ऐसा कोई नहीं है जिसे हर शक्स अच्छा कहे..

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ये शोर,ये रोने की
आवाज़
और ये दिल तोड़ने
की अदा..
संभल जाओ आशिकों
दिसम्बर गुस्से में है...

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कितना खुश था वो आज उसके साथ..
नजर मुझ पर पड़ी तो झट से मायूस हो गया..

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......  तू नाराज न रहा कर तुझे वास्ता है खुदा का,
एक तेरा ही
चेहरा खुश देख कर तो हम अपना गम भुलाते हैं.....

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शायद तुमने किसी को पुकारा नही
खामोशियो का भी समझा इशारा नही
ऑखे तो बीना बोले ही सब कह गयी
तुमने ही सही से निहारा नही।।

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 जिस इंसान की हर बात आपको सोचने पर मजबुर
कर दे,
उस इंसान के साथ कभी दुश्मनी मत करो..।

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 जुल्फ देखी है, या नजरों ने घटा देखी है..?
लुट गया जिसने भी तेरी ये अदा देखी है
अपने चेहरे को अब हमसे न छिपाओ
मुद्दतों बाद इस मरीज ने दिल की दवा देखी है....!

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 मेरे सारे जज्बात बस शायरी में सिमट के रह गए,
तुझे मालूम ही नही हम तुझसे क्या क्या कह गए

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!! हम जिंदगी में बहुत सी चीजे खो देते है...
"नहीं" जल्दी बोल कर...
और
"हाँ" देर से बोल कर...!!
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देख ली तेरी ईमानदारी ऐ दिल
तू मेरा और फिक्र किसी और की

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दोस्तो से अच्छे तो मेरे दुश्मन निकले,, 
कमबख्त हर बात पर कहते हैं कि तुझे छोडेंगे नहीं.

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तुम्हें मुझ तक, मुझे तुम तक पहुँचाने
के ख़ूबसूरत एहसास का नाम है शायरी..

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 हाँ मुझे मालूम है रिश्ते बचाने का हुनर,,,
जाओ सब खुशियाँ तुम्हारी सारे गम मेरे हुए ....!!

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 तेरी दास्तान ए हयात को लिखूँ
किस❤ शामे ग़ज़ल ❤के नाम से ?
तेरी शोखियाँ भी अजीब है,
तेरी सादगी भी कमाल है !

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 बडा जालिम है साहब दिलबर मेरा..
उसे याद रहता है मुझे याद न करना l

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 तारीफ तो सभी करते हैं, मेरी पुरसोज़ शायरी
की लेकिन......
सुन ना पाया कभी कोई मेरे अल्फाज़ों की
सिसकियाँ...

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अपनी मर्जी से तो मुझे खाक भी मंजूर है…
तेरी शर्तो पर तो ताज भी मंजूर
नहीं…!!!

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 कभी अश्क़ बने थे मोती,
मोती कब अश्क़ बन बह गए,
पता नहीं।
कभी देखे थे आँखों ने सपने,
सपने कब ज़र्रे से बिखर गए,
पता नहीं।

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अब यही सोच कर काट लेंगे ज़िन्दगी । 
की अपनी किस्मत में शायद नहीं थी आशिकी । मिस यू

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पानी से तस्वीर
            कहाँ बनती है,
ख्वाबों से तकदीर
            कहाँ बनती है,
किसी भी रिश्ते को
            सच्चे दिल से निभाओ,
ये जिंदगी फिर
            वापस कहाँ मिलती है
कौन किस से
            चाहकर दूर होता है,
हर कोई अपने
            हालातों से मजबूर होता है,
हम तो बस
            इतना जानते हैं...
हर रिश्ता "मोती" और
            हर दोस्त "कोहिनूर" होता है।।।

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छाया हुआ था सन्नाटा यूँह तो महफ़िल में
तेरे आने की खबर आते ही❤ शामे ग़ज़ल ❤बन गयी....

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आँखों में दोस्तो जो पानी है हुस्न वालों की ये मेहरबानी है आप क्यों सर झुकाए बैठे हैं क्या आपकी भी यही कहानी है ?...

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 तुम खुश-किश्मत हो जो हम तुमको चाहते है वरना,
हम तो वो है जिनके ख्वाबों मे भी लोग इजाजत लेकर आते है..!!

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 झुलस गया हूँ आतिशी चेहरों की दास्तां में
जलता रहा हूँ ख़ामोश लफ़्ज़ों की जुबान में

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भूल गए हो चाहने वालों 
या फिर
यादें भी महंगी कर दी है
सरकार ने.....
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हम तो पागल है जो Status में ही दिल की बात कह देते है,
लोग तो गीता पे हाथ रखके भी सच नहीं बोलते..
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तू तो बर्दाश्त था हर तरह हर हाल में...
जो अख़र गया मुझे..वो तेरा लहजा था.
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काँप उठता हूँ . .सोच के . .तन्हाई मेँ
मेरे . .
चेहरे पर . .कोई तेरा नाम ना पढ़ ले

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ये मेरी जीस्त की सबसे बड़ी तमन्ना थी,
वो मेरे पास मेरे नाम की तरह रहती.....

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एक तेरी ख़ामोशी जला देती है इस पागल दिल को..
बाकी तो सब बातें अच्छी हैं तेरी तस्वीर
में।

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एक तेरे इश्क़ की आग दिल में लेकर,
क्या खूब ज़िन्दगी को जलाया है हमने...।”

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अपनो की ईनायत कभी खतम नही होती
रीश्तो की महक भी कभी कम नही होती
जीवन में साथ हो गर कीसी सच्चे दोस्तो का
तो ये जींदगी कीसी जन्नंत से कम नही लगती

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 ना जाने, करीब आना किसे कहते हैं
मुझे तो, तुमसे दूर जाना ही नहीँ आता

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 यहाँ से क्या भेजूँ तुमको खाली खत रवाना हैं
खत मे दिल भेजूँ मगर डाकिया बेगाना हैं✒

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 दिल पे ना लीजिए अगर कोई आपको बुरा कहे..
ऐसा कोई नहीं है जिसे हर शक्स अच्छा कहे..
Ye sahi hai aisa kaha

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 जाते जाते वो किस लिए पलटा ....
अब सताएगा ये सवाल मुझे ..!!!

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सरे बाज़ार तमाशा ए मोहब्बत न कर।
सब जानते हैं तेरी फितरत ही बेवफाई है।।

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किस बात की शिकायत किस बात का हंगामा....
अरे दिल ही तो था भर गया

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 अजीब सौदागर है ये वक़्त भी!!!!
जवानी का लालच दे के बचपन ले गया....
अब अमीरी का लालच दे के जवानी ले जाएगा.
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इतना भी गुमान न कर आपनी जीत पर ” ऐ बेखबर “
शहर में तेरे जीत से ज्यादा चर्चे तो मेरी हार के हैं।

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बुरे हैं ह़म तभी तो ज़ी रहे हैं.. 
अच्छे होते तो द़ुनिया ज़ीने नही देती..

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सारी शिकायतों का हिसाब जोड़ कर रखा था..
उसने बाहों में लेकर सारा गणित बिगाड़ दिया..

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अकेले हम ही शामिल नहीं हैं इस जुर्म में जनाब,
नज़र जब मिली थी तो मुस्कुराये तुम भी थे..

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इतनी ठोकरे देने के लिए शुक्रिया ए ज़िन्दगी चलने का न सही,
सम्भलने का हुनर तो आ गया..

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