2016-06-02

पहले शरीर को तैयार करे

योगासन नही आता हें तो केवल सुबह की सैर आपको आरोय्ग दे सकती हें | योग का पहला संबध स्वास्थ हें | शरीर स्वास्थ होगा तभी आप योग साधना के लिय अपने आप को तैयार कर सकते हें | “आप ध्यान करो” वह कैसे करे, उसका मन नही लगेगा | स्थूल शरीर में कही दर्द हें तो साधक का मन दर्द की ओर लगेगा | इसीलिए पहली नर्सरी से शुरुआत करो, तभी आगे बढ़ सकोगे |

           पहले व्यायाम (योग आसन) और प्राणायाम से शुरुआत करना चाहिये | पहले काया को साधो बाद में योग को साधो |       
  ध्यान से पहले योगासन और प्राणायाम से शरीर को तैयार करो | बिना योगासन से शरीर को तैयार करना कठिन हें | इसलिय पहले शरीर को तैयार करे | योगासन नही आता हें तो केवल सुबह की सैर आपको आरोय्ग दे सकती हें |

              आज के युवा योगासन, सुबह की सैर दोनों नही करना चाहते, उन्हें नृत्य साथ दे सकता हें| कोई भी संगीत पर आप अपने शरीर को क्रियाशील कर सकते हें | खिलाडी, कलाकारों ने योग को अपनाया हें | आजकल सफल व्यक्ति युवाओं  के आदर्श होते हें, लेकिन वे इन सफल व्यक्तियों की दिनचर्या  को अपने जीवन में अपनाने का प्रयास नही करते हें | सभी सूर्यउदय से पहले जागते हें | वे योगासन या फिर सुबह की सैर से अपने दिन की शुरुआत करते हें | दवाओ से परहेज नही हें पर वो सब अपनी जगह पर हें |

         योगासन का संबंध प्राणायाम से हें | प्राण को योग स्वास्थ तथा उर्जावान रखता हें | योग तथा प्राण से कोशिकाओ को सक्रिय कर सकते हें | योग शरीर को उर्जा प्रदान करता हें | मतलब अध्यात्म का पहला चरण योग हें |  डॉक्टर आपको रोगमुक्त कर सकता हें, पर योग स्वास्थ दे सकता हें | शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढाता हें |

ध्यान योग, अध्यात्म की उच्चतम शिक्षा हें तो स्वास्थ ध्यान योग का आरम्भ हें, पहली पायदान हें | जो स्वास्थ हें, उर्जावान हें और उत्साहित हें वही योगी हें|

                    योग तन और मन को साधता हें, और तन-मन जिसने साधा वह ध्यान की और अग्रसर होता हें | अशांत मन आत्मा की अनुभूति की और नही बढ़ पायेगा | ध्यान से मन को शांत करके वह धीरे-धीरे ईश्वरनुभूति को प्राप्त कर सकेगा |

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