कर ले तू प्राणायाम.....
कर ले तू प्राणायाम, सब रोग दूर हो जाएगा।
रोना नही होगा, जीवन खुशियों से भर जाएगा॥
जीवन तुम्हारा दुर्भर है आज, कल तू ही इतराएगा।
आज तुझे विश्वास नहीं, कल दुनिया को बतलाएगा॥
कर ले तू प्राणायाम……………..
पांच मिनट भास्त्रिका करले, रक्त शुद्ध हो जायेगा।
सर्दी जुकाम एलर्जी दूर, मन स्थिर हो जायेगा॥
पन्द्रह मिनट कपालभांती कर, मुखमंडल तेज हो जायेगा।
गैस कब्ज, मधुमेह सहित, मोटापा दूर हो जाएगा॥
कर ले तू प्राणायाम ………………
पांच बार बाह्य प्राणायाम कर, चंचलता दूर हो जायेगा।
उदर रोग सब दूर होकर , जठराग्नि प्रदीप्त हो जायेगा॥
दस मिनट अनुलोम-विलोम कर, सिरदर्द ठीक हो जायेगा।
नकारात्मक चिन्तन से दूर, आनंद, उत्साह बढ़ जायेगा॥
कर ले तू प्राणायाम……………….
ग्यारह बार भ्रामरी कर, सब तनाव दूर हो जायेगा।
रक्तचाप हृदय रोग सहित, उत्तेजना मिट जाएगा॥
इक्कीस बार ओंकार जनकर, अनिद्रा रोग ठीक हो जायेगा।
बुरे स्वप्नों से छुटकारा पाकर, ध्यान तेरा लग जायेगा॥
कर ले तू प्राणायाम……………….
तीन बार नाड़ी शोधन कर, रक्त संचार ठीक हो जायेगा।
बहरापन, लकवारोग मिटे, ऑक्सीजन बढ़ जायेगा॥
पांच बार उज्जायी कर, गला मधुर हो जायेगा।
सर्दी जुकाम सहित, हकलाना, ठीक हो जायेगा॥
कर ले तू प्राणायाम……
ग्यारह बार शीतकारी कर , पायरिया दूर हो जाएगा।
दंत रेाग दूर होकर, शीतल शरीर हो जायेगा॥
ग्यारह बार शीतली कर, भूख प्यास मिट जायेगा।
मुंह गले के रोग सहित, पित्त रेाग मिट जायेगा॥
कर ले तू प्राणायाम…
तीन बार सिंहासन कर ले, दर्द गले का ठीक हो जायेगा।
अंत में हृस्यासन कर ले, हंसते जीवन बीत जायेगा॥
कर ले तू प्राणायाम, सब रोग दूर हो जाएगा ।
रोना नही होगा, जीवन खुशियों से भर जाएगा॥
ओ३म् शान्ति ओ३म् शान्ति
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