2015-07-16

नामदेव के चुटकुले भाग 8

नामदेव अपने बेटे से : बेटा तुम्हारे रिजल्ट का क्या हुआ
Beta : पापा 70%
नामदेव : पर तुम्हारे रिपोर्ट कार्ड में तो 35% लिखा हुआ है।
Beta : पापा बाकी 35% सब्सिडी मे आएगा।

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एक बार नामदेव शादी मे खाना खाने गया वहा पर छप्पन भोग को देखकर नामदेव ने सोचा की दबाकर खाना है पर सुबह तो सब निकल जायेगा तब नामदेव के दिमाग मे idea आया उसने चावल से शुरू किया फिर दबाकर छप्पन भोग खाया फिर वापस चावल खाये मेंने पूछा एसा क्यों तब परम आदरणीय नामदेव जी ने कहा की यदि  उल्टी आई तो ऊपर से चावल निकलेंगे और यदि पोट्टी आई तो भी चावल ही निकलेंगे छप्पन भोग पूरा भीतर ही रह जायेगा जय नामदेव जी की ।

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बड़े गौर से 

नामदेव एक बर्फ का टुकड़ा उठा कर उसे गौर से देख रहा था. घनश्याम  काफी देर से यह देख रहा था, अंत में उसने पूछा. घनश्याम: क्या देख रहा है यार ? नामदेव: अरे यार, ये देख रहा हूं कि ये लीक कहां से हो रही है.

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टीचर: नामदेव ,तुमने आज कौन - सा अच्छा काम किया ?
नामदेव: सर , मैंने अपने पांच दोस्तों के साथ मिलकर एक बुजुर्ग महिला को सड़क पार करवाई।
टीचर : ये तो अच्छी बात हैं , लेकिन इस छोटे-से काम के लिए पांच लोग क्यों लगे ?
नामदेव: क्योंकि , वह महिला सड़क पार नहीं करना चाहती थी।


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एक बार नामदेव का गधा भाग जाता है। नामदेव मंदिर जाता है और देर तक भगवान की मूर्ती के आगे खड़ा हो कर प्रार्थना करता है।
घनश्याम  : नामदेव तुम भगवान से यही मांग रहे हो न कि तुम्हारा गधा तुम्हे वापस मिल जाए। नामदेव : नहीं यार मैं तो भगवान को थैक्यू बोल रहा हूं।
घनश्याम  : क्यों?
नामदेव : अरे भगवान की कृपा से जब गधा भागा तो मैं उसमें सवार नहीं था। अगर होता तो मैं भी उसके साथ भाग जाता ।

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