2014-09-30

बचाव-दिल के दोरा

* जरा सोचिये की शाम के
7:25 बजे है और आप घर जा रहे है वो भी एकदम अकेले।
ऐसे में अचानक से आपके सीने में तेज दर्द होता है जो
आपके हाथों से होता हुआ आपके जबड़ो तक पहुँच
जाता है। 
आप अपने घर से
सबसे नजदीक अस्पताल
से 5 मील दूर है और
दुर्भाग्यवश आपको ये नहीं
समझ आरहा की आप वहां
तक पहुँच पाएंगे की नहीं।
आप सीपीआर में प्रशिक्षित
है मगर वहां भी आपको ये
नहीं सिखाया गया की इसको
खुद पर प्रयोग कैसे करे।
ऐसे में दिल के दौरे से बचने
के लिए ये उपाय आजमाए ;-
चूँकि ज्यादातर लोग दिल के
दौरे के वक्त अकेले होते है
बिना किसी की मदद के
उन्हें सांस लेने में तकलीफ
होती है । वे बेहोश होने लगते
ह और उनके पास सिर्फ 10 सेकण्ड्स होते है । ऐसे हालत
में पीड़ित जोर जोर  से खांस
कर खुद को सामान्य रख
सकता है। एक जोर की सांस लेनी चाहिए हर खांसी से पहले
और खांसी इतनी तेज हो की
छाती से थूक निकले।
जब तक मदद न आये ये प्रक्रिया दो सेकंड से दोहराई
जाए ताकि धड्कण सामान्य
हो जाए ।
जोर की साँसे फेफड़ो में
ऑक्सीजन पैदा करती है
और जोर की खांसी की  वजह
से दिल सिकुड़ता है जिस से
रक्त सञ्चालन नियमित रूप से
चलता है ।।।।।
जहाँ तक ही सके इस सन्देश को हरेक तक पहुंचाए । एक ह्रदय के डॉक्टर ने तो यहाँ तक कहाँ
की अगर हर व्यक्ति यह सन्देश
10 लोगो को भेजे तो एक जान
बचायी जा सकती है।
आप सबसे निवेदन है की
चुटकले भेजने की बजाय यह
सन्देश सबको भेजे ताकि लोगो
की जान बच सके ।
अगर आपको यह सन्देश बार बार मिले तो परेशान होनेकी
बजाय आपको खुश होना
चाहिए की  आपको यह बताने
वाले बहुत जन है की दिल के दौरे
से कैसे बचा जाये। धन्यवाद ।

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