सुबह उठकर बिस्तर में बैठ जाएं और चार बड़े
ग्लास भरकर (लगभग एक लीटर) पानी एक ही समय एक साथ पी जाएं. ध्यान रहे कि पानी पीने
के पहले मुंह न धोएं, न ब्रश करें तथा शौचकर्म भी न करें. पानी पीने के बाद थूकें
नहीं.
पानी पीने के पौन घंटे बाद आप ब्रश/दातून,
मुंह धोना, शौचकर्म इत्यादि नित्यकर्म कर सकते हैं. जो व्यक्ति बीमार या कमजोर
काया के हैं और वे एक साथ चार ग्लास पानी नहीं पी सकते तो उन्हें शुरूआत एक-दो
ग्लास पानी से करना चाहिए तथा धीरे-धीरे चार ग्लास तक बढ़ाना चाहिए. साथ ही भोजन
करने के बाद लगभग दो घंटे पानी न पिया जाए तो अति उत्तम रहेगा.
चार ग्लास पानी पीने की इस विधि से सिरदर्द,
उच्च रक्तचाप, खून की कमी, मोटापा, बेहोशी, दमा, खांसी, लीवर की कमजोरी, पेशाब की
बीमारी, गैस, कब्ज, एसीडिटी, कमजोरी, आंख की बीमारी, मानसिक रोग, महिलाओं को होने
वाली बीमारियां एवं शरीर में उत्पन्न होने वाली कई नई-पुरानी व्याधियों को दूर हो
जाती है.
चार ग्लास पानी पीने की यह विधि स्वस्थ्य या
बीमार, सभी के लिए अति लाभदायक सिद्ध हुई है. सकनीरा एसोसिएशन के अनुभव द्वारा यह
सिद्ध किया गया है कि निम्नांकित बीमारियाँ इस प्रयोग से निम्न समय से कम या दूर
होती जाती हैं.
- मधुमेह एक माह के लगभग.
- उच्च रक्तचाप एक माह के लगभग.
- गैसेस दो सप्ताह के लगभग.
- टी.बी. छः माह के लगभग.
- कब्जीयत- दो सप्ताह के लगभग.
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