2014-09-30

वियतनाम के राष्ट्राध्यक्ष

वियतनाम एक छोटा सा देश हैं। जिसने अमेरिका जैसे बड़े व शक्तिशाली देश को झुका दिया। लगभग बीस वर्षों तक चले युद्ध में अमेरिका पराजित हुआ।

     अमेरिका पर विजय के बाद वियतनाम के राष्ट्राध्यक्ष से पत्रकार ने एक सवाल पूछा।
जाहिर सी बात है कि सवाल यही होगा कि आप युद्ध कैसे जीते या अमेरिका को कैसे झुका दिया। उस प्रश्न का जो उत्तर दिया गया उसे सुनकर आप हैरान रह जायेंगे व आपका सीना भी गर्व से भर जायेगा।
दिया गया उत्तर पढ़िये।
सभी देशों में सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका को हराने के लिए मैंने एक महान राजा का चरित्र पढ़ा। और उस जीवनी से मिली प्रेरणा व युद्धनीती का प्रयोग कर सरलता से विजय प्राप्त की। आगे पत्रकार ने पूछा कौन थे वो महान राजा?

मित्रों जब मैंने पढ़ा तब जैसे मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया आपका का भी सीना गर्व से भर जायेगा।
वियतनाम के राष्ट्राध्यक्ष ने खड़े होकर जवाब दिया "मेवाड़ के महाराजा महाराणा प्रताप सिंह " । महाराणा प्रताप का नाम लेते समय उनकी आँखों में एक वीरता भरी चमक थी। आगे उन्होंने कहा अगर ऐसे राजा ने हमारे देश में जन्म लिया होता तो हमने सारे विश्व पर राज किया होता।
कुछ वर्षों के बाद राष्ट्राध्यक्ष की मृत्यू हुई उसकी समाधी पर लिखवाया गया "महाराणा प्रताप के एक शिष्य की समाधी"।

कालांतर में वियतनाम के विदेशमंत्री भारत के दौरे पर आये।पूर्वनियोजित कार्यक्रमानुसार उन्हें पहले लालकिला व बाद में गांधीजी की समाधी दिखलाई गई। ये सब देखते हुए उन्होंने पूंछा महाराणा प्रताप की समाधी कहाँ है ? तब भारत सरकार चकित रह गयी वहाँ उदयपुर का उल्लेख आया। विदेशमंत्री उदयपुर आये वहाँ महाराणा प्रताप की समाधी के दर्शन किये।

समाधि के दर्शन लेने के बाद समाधि के पास की मिट्टी उठाई व अपने बैग में भर ली । इस पर पत्रकार ने मिट्टी रखने का कारण पूछा।मंत्री महोदय ने कहा ये मिट्टी शूरवीरों की है। इस मिट्टी में एक महान् राजा ने जन्म लिया ये मिट्टी मै अपने देश की मिट्टी में मिला दूंगा ताकि मेरे देश में भी ऐसे ही वीर पैदा हो।मेरा यह राजा केवल भारत का गर्व न होकर सम्पूर्ण जग का गर्व होना चाहिए।

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अपेक्षा हैं कि यह पोस्ट आप गर्व के साथ ज्यादा से ज्यादा शेयर करेंगे।
जय हो भारत रत्न महाराणा प्रताप की जय!

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