2015-05-21

जीवन में न दुख: होता हैं ना तकलीफ


1902 में, एक professor ने  अपने student से पुछा क्या वह भगवान था जिसने इस संसार की हर मौजुद वस्तु को बनाया?


Student का जवाब :  हां
उसने फिर पुछा: शैतान  क्या हैं? 
क्या भगवान ने इसे भी बनाया ?

student चुप् हो गया...

फिर student ने आग्रह किया कि क्या वह उनसे कुछ सवाल पुछ सकता हैं?

Professor ने इजाजत दी.

उसने पुछा क्या ठण्ड  होती हैं?

Professor ने कहा: हां, बिल्कुल क्या तुम्हे यह महसुस नहीं होती?


Student ने कहा: मैं माफी चाहता हुं सर, लेकिन  आप गलत हो गर्मी का पुर्ण रुप से लुप्त होना... ही ठण्ड कहलाती हैं जबकि इसका अस्तित्व नहीं होता ठण्ड नहीं होती,

Student  ने फिर पुछा: क्या अन्धकार होता हैं ?

Professor ने कहा: हां! ,होता हैं 

Student ने कहा:आप फिर गलत हो सर. अन्धकार जैसी कोई चीज नहीं होती  वास्तव में इसका कारण  रोशनी का पुर्ण रुप से लुप्त होना होता  हैं .


सर  हमने हमेशा गर्मी और रोशनी के बारे में पढा और सुना हैं  ठण्ड और अन्धकार के बारे में नहीं वैसे ही भगवान हैं  
.
और
बस इसी तरह शैतान भी नहीं होता . वास्तव में पुर्ण रुप से भगवान में विश्वास, सत्य और आस्था का ना होना ही शैतान होता हैं

वह student थे...

विवेकानन्द...!!!

moral

मित्रो,
जीवन  में न दुख: होता हैं ना तकलीफ actually हममें जो खासियत, काबिलियत ,खुद में विश्वास और सकारात्मक रवैये की कमी  को हम दुख: और तकलीफ बना देते हैं उसने बेहिसाब दिया हैं जो हम मानते नहीं मानस जन्म अनमोल जिसे हम  पहचानते नहीं

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