2015-06-09

खेड़ापति हनुमान मंदिर ग्वालियर

श्री खेड़ापति जी हनुमान मंदिर ग्वालियर

खेड़ापति हनुमान मंदिर ग्वालियर की 250 वर्ष पुरानी हनुमान जी की प्रतिमा आश्चर्यजनक रूप से अपना असली रूप छोड़कर बाल रूप में आ गई।

भारत के मध्य प्रदेश राज्यान्तर्गत ग्वालियर पुरातन काल से गालव ऋषि की तपोभूमि रहा है। यहां पर संकटमोचन सिद्ध श्री खेड़ापति जी हनुमान जी का प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर की मान्यता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की सुबह 4.00 बजे से ही यहां भक्त दर्शनों के लिए आना शुरू कर देते है और देर रात तक यह कार्यक्रम चलता रहता है। 

सितम्बर 2014 में शहर के खेड़ापति मंदिर की लगभग 250 वर्ष पुरानी हनुमान जी की प्रतिमा आश्चर्यजनक रूप से अपना असली रूप छोड़कर बाल रूप में आ गई। इस परिवर्तन को लेकर मंदिर के महंतों ने बताया कि भगवान हनुमान जी की यह मूर्ति लगभग २५० वर्ष से भी अधिक पुरानी है। गुरूवार की रात को मंदिर में विशेष अभिषेक के दौरान मूर्ति ने चोला छोडऩा प्रारंभ कर दिया और सैंकड़ों वर्ष पुराने अपने बाल स्वरूप में आ गई,
मंदिर में रामायण एवं सुन्दरकाण्ड का पाठ चलता रहता है। खेड़ापति जी द्वारा मनोकामना पूरी होने पर भक्तों द्वारा गरीबों को भोजन कराया जाता है तथा उचित दान-पुण्य किया जाता है। 



हनुमान जयंती के अवसर पर यहां की विशेष विद्युत् एवं पुष्प सज्जा देखने योग्य होती है तथा श्री खेड़ापति जी को छप्पन भोग का भोग लगाया जाता है।

शरदोत्सव के अवसर पर यहां बहुत धूम होती है बड़ी मात्रा में खीर का प्रसाद बांटा जाता है। गुरुपूर्णिमा पर महंत जी द्वारा विशाल भंडारा लगाया जाता है। इन विशिष्ट दिनों पर बड़ी मात्रा में भक्त दर्शनों के लिए आते है। यहां बहुत से भक्त अपना अनुभव बताते है की किस तरह श्री खेड़ापति जी ने उनकी मुंह मांगी मनोकामनाएं पूरी की है

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