Ladies Mobile Poem
मोबाइल पर कविता महिलाओ की
ये मोबाइल हमारा है
पतिदेव से भी प्यारा है
पतिदेव से भी प्यारा है
उठते ही मोबाइल के दर्शन पहले पाऊ मै।
पति परमेशवर को ऐसे में बस भूल ही जाऊ मै।
पति परमेशवर को ऐसे में बस भूल ही जाऊ मै।
मध्यम आंच पर चाय चड़ाऊ मै।
वोट्सअप को पढती जाऊ मै।
वोट्सअप को पढती जाऊ मै।
चाय उबल कर हो गई काडा।
चिल्ला रहे है पति देव हमारा।
चिल्ला रहे है पति देव हमारा।
कानो में है ईयरफ़ोन लगाया।
अब मैने फेसबुक है चलाया।
अब मैने फेसबुक है चलाया।
रोटी बनाने कि बारी आई।
दाल गैस पर चढा कर आई।
दाल गैस पर चढा कर आई।
पार्टी का उसने संदेशा सुनाया।
करने लगी बाते मैं प्यारी।
इतने में भिन्डी हो गई करारी।
इतने में भिन्डी हो गई करारी।
सासूजी चबा ना पाई।
मन ही मन वो खूब बडबड़ाई।
मन ही मन वो खूब बडबड़ाई।
ससुर जी बैठे है बाथरूम में।
खत्म हो गया पानी टंकी में।
खत्म हो गया पानी टंकी में।
कैंडी-कृश गेम में उलझ गई थी मैं।
मोटर चालु करना ही भूल गई थी मैं।
मोटर चालु करना ही भूल गई थी मैं।
ग्रुप कि एडमिन बन कर है नाम बहुत कमाया।
सबके घर की बहुओ को अपने ही साथ उलझाया।
सबके घर की बहुओ को अपने ही साथ उलझाया।
बच्चो की मार्कशीट के मार्क्स ही ऐसे आए।
जो पति परमेश्वर के दिल को ना है भाए।
जो पति परमेश्वर के दिल को ना है भाए।
उसे देख पतिदेव ने सिंघम रूप बनाया।
आता माझी सटकली हमको है सुनाया
आता माझी सटकली हमको है सुनाया
घर का बजा रहा है बाजा।
ऐसा है मोबाइल हमारा।
ऐसा है मोबाइल हमारा।
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