श्री श्री रवि शंकर जी द्वारा रचित एक सुंदर कविता...
छोटी सी जिंदगी है ,
हर बात में खुश रहो।
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जो पास में ना हो ,
उनकी आवाज़ में खुश रहो।
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कोई रूठा हो तुमसे ,
उसके इस अंदाज़ में खुश रहो।
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जो लौट के नही आने वाले है,
उन लम्हो कि याद में खुश रहो।
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कल किसने देखा है ,
अपने आज में खुश रहो।
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खुशियों का इन्तेजार किसलिए ,
दुसरो कि मुस्कान में खुश रहो।
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क्यूँ तड़पते हो हर पल किसी के साथ को ,
कभी तो अपने आप में खुश रहो।
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छोटी सी जिंदगी है ,
हर हाल में खुश रहो।
''श्री श्री रवि शंकर जी''
छोटी सी जिंदगी है ,
हर बात में खुश रहो।
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जो पास में ना हो ,
उनकी आवाज़ में खुश रहो।
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कोई रूठा हो तुमसे ,
उसके इस अंदाज़ में खुश रहो।
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जो लौट के नही आने वाले है,
उन लम्हो कि याद में खुश रहो।
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कल किसने देखा है ,
अपने आज में खुश रहो।
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खुशियों का इन्तेजार किसलिए ,
दुसरो कि मुस्कान में खुश रहो।
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क्यूँ तड़पते हो हर पल किसी के साथ को ,
कभी तो अपने आप में खुश रहो।
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छोटी सी जिंदगी है ,
हर हाल में खुश रहो।
''श्री श्री रवि शंकर जी''
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