ऐसे देश के वीरो कोदिल से सलाम:' हनुमंतथपपा जी को शत शत नमन''
||लांसनायक श्री हनुमनथप्पा जी को समर्पित ||
“छोड़ चला है पुनः कोई
आज हमें इन वीरानों में
आँखे नम हो आयी है फिर से
उन सरहद के बलिदानों से ,
कर गए नाम अमर तुम अपना
सरहद पे कर्त्तव्य निभा करके
हर पल सींचा है इस देश को
तुमने खुद का लहू बहा करके ,
हो अदम्य साहस के प्रतिक तुम
ना व्यर्थ हुआ बलिदान तुम्हारा
गौरवान्वित किया है इस भारत माँ को
वीरता भरा बलिदान तुम्हारा ,
धन्य हुयी है माँ भारती
पाके सपूत आप जैसा
सच्चे वीर हो भारत के
नहीं दूजा कोई है आप जैसा ||”
||लांसनायक श्री हनुमनथप्पा जी को समर्पित ||
“छोड़ चला है पुनः कोई
आज हमें इन वीरानों में
आँखे नम हो आयी है फिर से
उन सरहद के बलिदानों से ,
कर गए नाम अमर तुम अपना
सरहद पे कर्त्तव्य निभा करके
हर पल सींचा है इस देश को
तुमने खुद का लहू बहा करके ,
हो अदम्य साहस के प्रतिक तुम
ना व्यर्थ हुआ बलिदान तुम्हारा
गौरवान्वित किया है इस भारत माँ को
वीरता भरा बलिदान तुम्हारा ,
धन्य हुयी है माँ भारती
पाके सपूत आप जैसा
सच्चे वीर हो भारत के
नहीं दूजा कोई है आप जैसा ||”
No comments:
Post a Comment