35 फीट गहरी बर्फ से 6 दिन बाद जब हनुमनथप्पा जीवित निकले तो वो एक चमत्कार बन गए। अफसोस ये चमत्कार एक कहानी तो दे गया लेकिन उसे भरपूर कोशिशों के बाद भी बचाया नहीं जा सका। सियाचिन के बहादुर सिपाही लांस नायक हनुमनथप्पा आज पूरे देश की उम्मीदों को तोड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए। तीन दिन की दिन रात कोशिशों के बाद भी डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके। 33 साल क लांस नायक हनुमनथप्पा ने आज सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर दिल्ली के आर आर अस्पताल में आखिरी सांस ली।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘वह हमें उदास और व्यथित छोड़ गए हैं। लांस नायक हनुमनथप्पा की आत्मा को शांति मिले। आपके अंदर जो सैनिक था वह अमर है। हमें गर्व है कि आप जैसे शहीदों ने भारत की सेवा की।’’
19 बटालियन के मद्रास रेजिमेंट के 33 वर्षीय सैनिक अपने पीछे पत्नी महादेवी अशोक बिलेबल और दो वर्षीय बेटी नेत्रा कोप्पड़ को छोड़ गए हैं। कर्नाटक के धरवाड़ जिला में बेतादुर गांव के रहने वाले हनुमनथप्पा 13 साल पहले सेना में शामिल हुए थे।
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