2016-03-14

भगवान् देगा, भगवान् देगा

एक बार एक राजा था, वह जब भी मंदिर जाता, तो 2 फ़क़ीर उसके दाएं और बाएं बैठा करते! दाईं तरफ़ वाला कहता: "हे भगवान, तूने राजा को बहुत कुछ दिया है, मुझे भी दे दे!"

बाईं तरफ़ वाला कहता: "ऐ राजा! भगवान ने तुझे बहुत कुछ दिया है, मुझे भी कुछ दे दे!"

दाईं तरफ़ वाला फ़क़ीर बाईं तरफ़ वाले से कहता: "भगवान से माँग! बेशक वह सबसे बैहतर सुनने वाला है!"
बाईं तरफ़ वाला जवाब देता: "चुप कर बेवक़ूफ़
एक बार राजा ने अपने वज़ीर को बुलाया और कहा कि मंदिर में दाईं तरफ जो फ़क़ीर बैठता है वह हमेशा भगवान से मांगता है तो बेशक भगवान् उसकी ज़रूर सुनेगा, लेकिन जो बाईं तरफ बैठता है वह हमेशा मुझसे फ़रियाद करता रहता है, तो तुम ऐसा करो कि एक बड़े से बर्तन में खीर भर के उसमें अशर्फियाँ डाल दो और वह उसको दे आओ!

वज़ीर ने ऐसा ही किया... अब वह फ़क़ीर मज़े से खीर खाते-खाते दूसरे फ़क़ीर को चिड़ाता हुआ बोला: "हुह... बड़ा आया 'भगवान् देगा...' वाला, यह देख राजा से माँगा, मिल गया ना?"
खाने के बाद जब इसका पेट भर गया तो इसने खीर से भरा बर्तन उस दूसरे फ़क़ीर को दे दिया और कहा: "ले पकड़... तू भी खाले, बेवक़ूफ़
अगले दिन जब राजा  आया तो देखा कि बाईं तरफ वाला फ़क़ीर तो आज भी वैसे ही बैठा है लेकिन दाईं तरफ वाला ग़ायब है!
राजा नें चौंक कर उससे पूछा: "क्या तुझे खीर से भरा बर्तन नहीं मिला?"
फ़क़ीर: "जी मिला ना बादशाह सलामत, क्या लज़ीज़ खीर थी, मैंने ख़ूब पेट भर कर खायी!"
राजा: "फिर?"
फ़क़ीर: "फ़िर वह जो दूसरा फ़क़ीर यहाँ बैठता है मैंने उसको देदी, बेवक़ूफ़ हमेशा कहता रहता है: 'भगवान् देगा, भगवान् देगा!'
राजा मुस्कुरा कर बोला: "बेशक, भगवान् ने उसे दे दिया!"
Trust on God

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