नैन खुले तो मन मन्दिर में
तेरे दर्शन पाऊँ
वर दे मुझको ओ रे कान्हा
नित तेरी महिमा गाऊँ
तेरे दर्शन पाऊँ
वर दे मुझको ओ रे कान्हा
नित तेरी महिमा गाऊँ
पापी हूं अज्ञानी हूं मैं
राह दिखा दे ओ ब्रजवाले
पाप मुक्त हो जाऊँ
मोहमाया के बन्धन टूटे
कर दे कृपा ओ रे भगवान
शरण तुम्हारी आऊँ
दया दिखाना हे मुरलीधर
कष्टों से न घबराऊँ
चरणों में रख लेना गिरिधर
भवसागर तर जाऊँ
नैन खुले तो मन मन्दिर में
तेरे दर्शन पाऊँ
वर दे मुझको ओ रे कान्हा
नित तेरी महिमा गाऊँ।
।।शुभ ।।
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