2016-03-08

त्चचा पांच साल तक सुरक्षित रखी जा सकती है


झुलसे हुए लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। स्किन बैंक अब ऐसे लोगों को नई जिंदगी देगा। देश में चार स्थानों पर स्किन बैंक खोले जा चुके हैं। इनमें दान की गई स्किन को पीड़ितों को लगाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार इन बैंकों में 80 फीसदी जले हुए व्यक्ति की जिंदगी भी बचाई जा सकती है। भारत में सालाना 70 लाख लोग झुलसते हैं।जिनमें 80 फीसदी महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। स्किन बैंक में कोई भी व्यक्ति स्किन दान कर सकता है। इसमें त्चचा पांच साल तक सुरक्षित रखी जा सकती है।

मनुष्य की त्वचा की आठ परतें होती हैं जिसमें से सबसे ऊपरी यानि आठवीं परत को ही निकाला जाता है। इसके बाद इसकी जांच की जाती है और फिर इसे चार से आठ डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच ग्लिसरॉल के घोल में रखा जाता है। स्किन बैंक इस त्वचा को करीब पांच साल तक सुरक्षित रख सकता है। किसी भी उम्र के व्यक्ति को यह स्किन प्रत्यारोपित की जा सकती है।

छत्तीसगढ़ के भिलाई इस्पात संयंत्र के सेक्टर-9 अस्पताल में प्रदेश का पहला स्किन बैंक शुरू कर दिया गया है। स्किन बैंक में जले हुए लोगों को जल्द से जल्द स्वस्थ करने के लिए मृत लोगों का स्किन निकालकर रखा जाएगा। यहां लोग अपनी स्वेच्छा से अपना शरीर दान कर सकेंगे।

प्रदेश का सबसे बड़ा और एकमात्र स्किन बैंक तैयार करने में संयंत्र प्रबंधन ने डेढ़ करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इस बैंक में स्किन देने और लेने की सारी प्रक्रिया नि:शुल्क होगी। स्किन बैंक से गंभीर रूप से जले लोगों को नवजीवन मिलेगा। बीएसपी के सीईओ एस चंद्रसेकरन का कहना है कि भिलाई इस्पात संयंत्र के सेक्टर-9 अस्पताल में स्किन बैंक बनने से हर वर्ग के लोगों को इसका लाभ मिलेगा।


बर्न वार्ड के सीनियर डिप्टी डायरेक्टर डॉ उदय कुमार ने बताया कि संयंत्र प्रबंधन ने सेक्टर-9 अस्पताल के बर्न वार्ड को अपग्रेड कर दिया है। यहीं पर स्किन बैंक भी शुरू किया गया है, जो प्रदेश का पहला स्किन बैंक होगा। किसी भी महिला, पुरुष और बच्चे की मौत होने के छह घंटे के अंदर शव से स्किन निकाला जाएगा, जिसे स्किन बैंक में रखा जाएगा। इस स्किन को 4 डिग्री तापमान में 85 प्रतिशत ग्लीसराल के घोल में 5 वर्षों तक रखा जा सकेगा। इस दौरान जरूरत पड़ने पर इसका उपयोग किया जा सकेगा।

किसी भी शव के दोनों पैर, जांघों और पीठ से स्किन निकाला जाएगा। स्किन डोनेट करने के लिए एक आवेदन देना होगा। इस आवेदन के आधार पर डॉक्टरों की टीम जाएगी, जो एक घंटे के भीतर घर, अस्पताल, मॉर्च्यूरी में पहुंचकर संपूर्ण प्रक्रिया को आधे घंटे में पूरा कर लेगी। स्किन बैंक के लिए स्किन की 8 परत में से सिर्फ ऊपर की परत निकाली जाएगी। इसे निकाले जाने से खून नहीं बहता। इस प्रक्रिया में शारीरिक विकृति भी नहीं होती।

कोई भी व्यक्ति किसी भी व्यक्ति को स्किन डोनेट कर सकता है। इसके लिए ब्लड व किडनी डोनेशन की तरह मैचिंग करना नहीं पड़ता है। किसी भी व्यक्ति का स्किन निकालकर छह घंटे के अंदर उसे स्किन बैंक में रखने की अनिवार्यता होगी। सबसे अलग बात यह है कि गंभीर रूप से जले हुए लोगों को जिनके बचने की उम्मीद लगभग नहीं रहती है, उन्हें स्किन बैंक के सहारे नवजीवन मिलेगा। 60 से 70 प्रतिशत तक जले लोगों की जान भी उन्हें स्किन बैंक से स्किन उपलब्ध कराकर बचाई जा सकेगी।

भारत में सिर्फ तीन शहरों में स्किन बैंक

सेक्टर-9 अस्पताल के स्किन बैंक का महत्व इसलिए भी बढ़ गया है, क्योंकि पूरे भारत में सिर्फ तीन शहरों मुंबई, दिल्ली और कोच्चि में ही स्किन बैंक हैं। किसी भी व्यक्ति को स्किन बैंक सुविधा लेने के लिए उपरोक्त शहरों में जाना पड़ता था। अब सेक्टर-9 अस्पताल में ही स्किन बैंक की सुविधा शुरू होने से भिलाई देश का चौथा ऐसा शहर बन गया है, जहां यह सुविधा है।

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