2016-03-28

सिंहस्थ कुम्भ महापर्व उज्जैन 2016

सिंहस्थ 2016

22 अप्रैल 2016 से आरंभ होगा सिंहस्थ मेला,



इस बार सिंहस्थ का आयोजन 22 अप्रैल से 21 मई 2016 तक किया जाएगा। सिंहस्थ संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी

शाही स्नान : सिंहस्थ का प्रथम स्नान 22 अप्रैल को होगा। 

शाही स्नान 21 मई, अन्य स्नान 9, 11, 17, 19 मई को होगा। 


2016 वर्ष में सवा सात किलोमीटर के नए-पुराने घाटों में होगा स्नान। दो पवित्र नदी क्षिप्रा-नर्मदा के मिलन का साक्षी बनेगा सिंहस्थ।

प्राचीन परम्परा - सिंहस्थ उज्जैन  यह बारह वर्षों के अंतराल से मनाया जाता है। जब बृहस्पति ग्रह सिंह राशि पर स्थित रहता है, तब यह पर्व मनाया जाता है। पवित्र क्षिप्रा नदी में पुण्य स्नान की विधियाँ चैत्र मास की पूर्णिमा से प्रारंभ होती हैं और पूरे मास में वैशाख पूर्णिमा के अंतिम स्नान तक भिन्न-भिन्न तिथियों में सम्पन्न होती है। उज्जैन के महापर्व के लिए पारम्परिक रूप से दस योग महत्त्वपूर्ण माने गए हैं। प्राचीन परम्परा देवताओं एवं दानवों के समुद्र मंथन के पश्चात अन्य अनमोल रत्नों के साथ अमृत कुंभ भी निकला। इस कुंभ को स्वर्ग में सुरक्षा के साथ पहुंचाने की जिम्मेदारी इन्द्रपुत्र जयंत को सोंपी गयी थी। इस शुभ कार्य में सूर्य, चंद्र, शनि एवं बृहस्पति (गुरू) ने बड़ा योगदान दिया। अमृत कुंभ स्वर्ग तक ले जाते समय देवताओं को राक्षसों का चार बार सामना करना पड़ा। इन चार हमलों के दौरान देवताओं द्वारा अमृत कुंभ चार स्थानों पर पृथ्वी पर रखा गया। उन चार स्थानों पर प्रति बारह साल बाद कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है। यह चार स्थान हरिद्वार, प्रयाग, त्र्यंबकेश्वर और उज्जैन हैं। जिन राशियों में बृहस्पति होने पर कुंभ रखा जाता है, उन राशियों में गुरू आने पर उस स्थान पर कुंभ पर्व का आयोजन होता है। यह ध्यान में रखना चाहिए कि हरिद्वार, प्रयाग, त्र्यंबकेश्वर, उज्जैन स्थानों के अलावा अन्य किसी भी स्थान पर कुंभ मेला नहीं लगता। कुंभ पर्व एवं कुंभ योग ज्योतिष परंपराओं में कुंभ पर्व को कुंभ राशि एवं कुंभ योग से जोड़ा गया है। कुंभ योग विष्णुपुराण के अनुसार चार तरह के हैं। जब गुरू कुंभ राशि में होता है और सूर्य मेष राशि में प्रविष्ट होता है, तब कुंभ पर्व हरिद्वार में लगता है। जब गुरू मेष राशि चक्र में प्रवेश करता है और सूर्य, चन्द्रमा मकर राशि में माघ अमावास्या के दिन होते हैं, तब कुंभ का आयोजन प्रयाग में किया जाता है। सूर्य एवं गुरू सिंह राशि में प्रकट होने पर कुंभ मेले का आयोजन नासिक (महाराष्ट्र) में गोदावरी नदी के मूल तट पर लगता है।

विश्व के लगभग 100 देश से श्रद्धालुओं के आने की संभावना के चलते सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। कोई 5 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना। इस बार स्विस टैंटों में आगन्तुकों के लिए 5 सितारा व्यवस्था होगी।

आयोजन : पूरे माह होंगे सांस्कृतिक, धार्मिक आयोजन। अप्रैल में ही पेशवाई होगी। एक से छह मई तक पंचक्रोशी यात्रा का आयोजन होगा। जगह जगह धार्मिक प्रवचन और सत्संग का आयोजन किया जाएगा।

सुरक्षा : 23 हजार पुलिस बल तथा प्रशासनिक व्यवस्थाओं में 80 हजार की तैनाती होगी। इसमें 60 हजार वॉलेंटियर्स शामिल।

सिंहस्थ कुम्भ महापर्व उज्जैन 2016 – प्रस्तावित स्नान तिथियां

चैत्र शुक्ल पूर्णिमा – वैशाख शुक्ल पूर्णिमा, विक्रम संवत 2073

  • पर्व का आरंभ स्नान -चैत्र शुक्ल 15, दिनांक 22 अप्रैल, 2016 (शुक्रवार)
  • व्रतपर्व वरुथिनी एकादशी व्रत - वैशाख कृष्ण 11, दिनांक 3 मई, 2016 (मंगलवार)
  • स्नानपर्व -  वैशाख कृष्ण 30, दिनांक 6 मई, 2016 (शुक्रवार)
  • स्नानपर्व अक्षय तृतीया - वैशाख शुक्ल 3, दिनांक 09 मई, 2016 (सोमवार)
  • शंकराचार्य जयंती - वैशाख शुक्ल 5, दिनांक 11 मई, 2016 (बुधवार)
  • वृषभ संक्रान्ति पर्व - वैशाख शुक्ल 9, दिनांक 15 मई, 2016 (रविवार)
  • मोहिनी एकादशी पर्व - वैशाख शुक्ल 11, दिनांक 17 मई, 2016 (मंगलवार)
  • प्रदोष पर्व - वैशाख शुक्ल 13, दिनांक 19 मई, 2016 (गुरुवार)
  • नृसिंह जयंती पर्व - वैशाख शुक्ल 14, दिनांक 20 मई, 2016 (शुक्रवार)
  • प्रमुख स्नान - वैशाख शुक्ल 15, दिनांक 21 मई, 2016 (शनिवार)


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