निंदा में बड़ा रस है यदि हमारे घर के सामने कोई कचरा डाल जाय तो हम उससे झगडा करने को तैयार हो जाते है/लेकिन जब कोई व्यक्ति हमारे कानो में किसी व्यक्ति कि निंदा का कचरा भरता है तो हम बड़े खुश हो कर उसकी बातो को सुनते है अगर निंदा ही सुन्नी है तो फिर यो करे-अपने कान के उपर लिखे "डस्टबिन" और नीचे लिखे " प्लीज यूज़ मी।
कचरे मैं बड़ा रस है इसी तरह हमारे अवचेनत मे भी कचरा भरा रहता है ।मन का कचरा भी खाली किया जा सकता है.....
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