2015-04-13

स्वास्थ्य उपयोगी जानकारियां

कुछ स्वास्थ्य उपयोगी जानकारियां


  1. आंखों में जलन रहती हो, तो दिन में तीन से चार बार मुंह में ठंडा पानी भर कर 15-20 बार आंखों को ठंडे पानी से धोएं और सुबह के समय नंगे पैर हरी घास पर चलें।
  2. चुस्त (टाइट) पैंट के पीछे दिन भर मोटा पर्स रखने से कमर दर्द व साइटिका का दर्द होने की संभावना बढ़ जाती है।
  3. नहाने से पहले सरसों का तेल दोनों नासारन्ध्रों में लगाकर नहाने के बाद नाक को अच्छी तरह साफ कर लें। ऐसा करने से नजला-जुकाम नहीं होता।
  4. यदि ठंडे मौसम में प्रातः काल छींक आती हो, नजला-जुकाम व कफ आदि की शिकायत रहती हो तो बिस्तर से उठने से पहले कानों को ढक लें व बिस्तर से उतरते ही पैरों में चप्पल पहन लें।
  5. शरीर में जहां भी अधिक चर्बी हो, नहाते समय वहां रगड़ कर मालिश करने से चर्बी दूर होने लगती है।
  6. नहाने से पहले प्रतिदिन पांच-दस मिनट के लिए सरसों के तेल की मालिश करने से शरीर स्वस्थ और त्वचा मुलायम बनी रहती है।
  7. रात को सोने से पहले हाथ-पैर-मुंह अच्छी तरह धोकर सरसों का तेल तलवों और घुटनों पर मलने से नींद गहरी आती है।
  8. रात को सोने से पहले भ्रामरी प्राणायाम करने पर अनिद्रा रोग दूर होने लगता है।
  9. स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए रात को सोने से पहले आंखें बंद करके बैठ जाएं और दिनचर्या पर मनन करें।
  10. रात को भिगोए पांच बादामों को प्रातः काल छील कर खाने से स्मरण शक्ति बढ़ने लगती है।
  11. भोजन करने के बाद दस मिनट तक वज्रासन में बैठने से भोजन जल्दी पचने लगता है और कब्ज, गैस, अफारा आदि से छुटकारा मिलता है। यदि घुटनों में दर्द रहता हो, तो वज्रासन नहीं करना चाहिए।
  12. अधिक खा लेने के बाद यदि बेचैनी का अनुभव हो, तो वज्रासन में बैठें, तत्काल लाभ मिलेगा।
  13. रात में दही का सेवन करने से मोटापा, जोड़ों का दर्द, वायु विकार इत्यादि होने की आशंका बढ़ जाती है।
  14. प्रातः काल दाएं (सीधे) हाथ की मध्यमा अंगुली से दांत व मसूड़ों की धीरे-धीरे मालिश करने से दांत मजबूत हो जाते हैं। 
  15. सुबह के समय दांत साफ करते समय दाएं (सीधे) हाथ का अंगूठा मुंह के अंदर ले जाकर उससे तालू साफ करने से बालों का झड़ना, नजला-जुकाम व कफ दोष दूर होने लगते हैं।
  16. रात में सोने से पहले नाभि में सरसों का तेल लगाने से होंठ नहीं फटते।
  17. दूध के साथ मांस-मछली, नमकीन, खट्टा खाने से चर्म रोगों की संभावना बढ़ जाती है।
  18. जो बच्चे देर से बोलना शुरू करते हैं या कम बोलते हैं, उन्हें पानी का सेवन अधिक मात्रा में कराएं।
  19. एक साथ अधिक पानी पीने से कफ बढ़ता है, अतः पानी मुंह में रोक-रोक कर पीएं।
  20. भोजन के बाद, नहाने से पहले, सोने से पहले पेशाब करने अवश्य जाएं।
  21. टहलते समय गहरी श्वास-प्रश्वास करें। इससे शरीर में स्फूर्ति का संचार होता है।
  22. गर्म चीज खाने के तुरंत बाद ठंडा पानी, आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक लेने से दांत तो कमजोर होते ही हैं, इसका पाचन तंत्र पर भी बुरा असर पड़ता है।
  23. कमर दर्द रहता हो तो सीधे लेट कर कमर के नीचे मध्यम आकार का तौलिया रोल करके दर्द वाले स्थान पर लगाएं और शवासन में पांच-दस मिनट के लिए लेट जाएं।
  24. शरीर में खाज रहती हो, तो नारियल के तेल में डली वाला कपूर डाल कर धूप में रख दें। इसकी मालिश करने से आराम मिलने लगता है। नीम के आठ-दस पत्ते थोड़े से पानी में उबाल कर नहाने के पानी में मिला लें। राहत मिलेगी। यह तेल सिर में लगाने से डैंड्रफ (रूसी) से छुटकारा मिलने लगता है।
  25. अधिक खटाई खाने से गला खराब हो सकता है। ज्यादा चीनी खाने से रक्त विकार हो सकता है। भोजन में मैदा के अधिक प्रयोग से पेट के रोग व ज्यादा नमक खाने से गुर्दों के खराब होने की आशंका बढ़ जाती है।
  26. हमेशा कमर व गर्दन सीधी करके बैठें। इससे शरीर में उत्साह, ऊर्जा व फुर्ती बढ़ती है और शरीर स्वस्थ बना रहता है।
  27. दिन भर चेहरे पर प्रसन्नता बनाए रखें। जब भी मौका मिले, खिलखिलाकर हंसें।
  28. सिर दर्द रहता हो तो कानों को खींचें। कानों के पास मालिश करने से भी आराम मिलता है।
  29. भरपूर पानी पीने से शरीर में मलों का जमाव नहीं हो पाता। इससे शरीर में हल्कापन व तरोताजगी बनी रहती है।
  30. लेटते व बैठते समय दाईं करवट का सहारा लें। इससे कमर व हृदय पर दबाव नहीं पड़ेगा।
  31. वात रोग होने पर रात को भिगोई हुई लहसुन की दो कलियां प्रातः काल उन्हें तोड़कर ताजे पानी से निगलने से लाभ मिलता है।
  32. एसिडिटी की शिकायत होने पर भोजन के पश्चात एक लौंग या गुड़ की एक डली चूसने से आराम मिलता है।
  33. पांच पत्ते तुलसी, पांच काली मिर्च, पांच नीम के पत्ते व पांच बेल पत्र को पीस कर उसकी गोली बनाकर सुबह खाली पेट पानी से लेने से शुगर (डायबिटीज) में लाभ मिलता है।
  34. पैरों में दर्द रहता हो, तो नहाते समय पिंडलियों से नीचे टखनों के पास पैरों की कसकर मालिश कर लें। दिन भर पैरों में आराम रहेगा।
  35. तीन-चार बूंद गाय का घी रात को सोने से पहले दोनों नासारन्ध्रों में डालने से माइग्रेन में आराम मिलता है।
  36. यदि गैस की शिकायत रहती हो, तो सुबह खाली पेट सेब आदि फल और दूध का सेवन सुबह न करके दिन में किसी अन्य समय कर सकते हैं। सेब व दूध को खाली पेट लेने पर गैस में वृद्धि हो सकती है।
  37. आंव की शिकायत हो, तो मट्ठा में सेंधा नमक व सोंठ पाउडर डालकर प्रतिदिन सेवन करने से लाभ मिलने लगता है।
  38. दिन में तीन-चार बार पानी में नींबू निचोड़ कर पीने से उच्च रक्तचाप में कमी आने लगती है।
  39. नजला-जुकाम में काली मिर्च, पीपली, सोंठ व मुलहठी- इन चारों का समान मात्रा में पाउडर लेकर मिला लें। यह मिश्रण चौथाई चम्मच शहद के साथ चाटने से लाभ मिलने लगता है।
  40. रात को सोते समय सिर उत्तर दिशा में नहीं होना चाहिए। इससे मानसिक रोग की संभावना बढ़ जाती है।
  41. सुबह-शाम, दो बार शौच जाने से कब्ज की शिकायत कम हो जाती है। अतः यह नियम अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
  42. कुर्सी पर पैरों को आगे-पीछे करके बैठने से कमर में खिंचाव नहीं होता।
  43. सोने के लिए पलंग पर अधिक मुलायम गद्दों व मोटे तकियों का प्रयोग करने से रीढ़ की हड्डी में दर्द पैदा होने की आशंका बढ़ जाती है।
  44. शरीर में दर्द हो, तो श्वासन में लेटकर लंबे-गहरे सांस धीरे-धीरे भरें व मन से प्राण वायु को दर्द के स्थान पर ले जाएं और यह भाव रखें कि प्राण शक्ति इस रोग को दूर कर रही है।
  45. उपवास के दिन अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन करें। उपवास पूरा करने (तोड़ने) के लिए पूरी, परांठे, कचौड़ी आदि गरिष्ठ भोजन की बजाय हल्का भोजन करें।
  46. शौच या पेशाब के समय दांतों के जबड़ों को आपस में दबाकर रखने से दांत मजबूत बने रहते हैं।
  47. लू से बचने के लिए कानों को कपड़े से ढकें व घर से निकलने से पहले अधिकाधिक पानी पी लें।
  48. यदि ठंडी हवा लगने पर नाक से पानी आता हो, तो रात में दोनों कानों में रुई लगाकर सिर को मफलर से ढक कर सोएं।
  49. यदि लगातार बैठे रहने से कोई पैर सुन्न हो जाए, तो उसके विपरीत वाला कान पकड़ कर खींचें।

No comments:

Post a Comment