गुलकंद बनाने की विधि
सामग्री- ताजे गुलाब की पंखुडियां, समान मात्रा में चीनी, एक छोटा चम्मच पिसी छोटी इलायची तथा पिसा सौंफ
विधि- ताजे गुलाब को तोड़ कर पंखुड़ियों को अलग कर लें इन गुलाब की ताजी व खुली पंखुडियॉं को साफ कर लें, अब कांच की बड़े मुंह की बोतल लें इसमें थोडी पंखुडियां डालें अब चीनी डालें फिर पंखुडियां फिर चीनी अब एक छोटा चम्मच पिसी छोटी इलायची तथा पिसा सौंफ डालें फिर उपर से पंखुडियां डालें फिर चीनी इस तरह से डब्बा भर जाने तक करते रहें इसे धूप में रख दें.
आठ दस दिन के लिये बीच-बीच में इसे चलाते रहें. चीनी पानी छोडेगी और उसी चीनी पानी में पंखुडियां गलेंगी. अलग से पानी नहीं डालना है. पंखुडियां पूरी तरह गल जाए यानी सब एक सार हो जाए.
एक दो सफ्ताह तक रोजाना धुप मे रखें जब पंखुडियां पूरी तरह गल जाए, हो गया आपका गुलकंद तैयार ।
उपयोग (गुण धर्म ) - गुलकंद एक आयुर्वेदिक टॉनिक है। गुलाब के फूल की भीनी-भीनी खुशबू और पंखुड़ियों के औषधीय गुण से भरपूर गुलकंद को नियमित खाने पर पित्त के दोष दूर होते हैं तथा इससे कफ में भी राहत मिलती है। गर्मियों के मौसम में गुलकंद कई तरह के फायदे पहुंचाता है। हाजमा दुरुस्त रखता है और आलस्य दूर करता है। गुलकंद शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है और कब्ज को भी दूर करता है। सुबह-शाम एक-एक चम्मच गुलकंद खाने पर मसूढ़ों में सूजन या खून आने की समस्या दूर हो जाती है। पीरियड के दौरान गुलकंद खाने से पेट दर्द में आराम मिलता है। मुंह का अल्सर दूर करने के लिए भी गुलकंद खाना फायदेमंद होता है।
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