2015-08-17

उनाव का बालाजी सूर्य मंदिर

Unav Balaji Sun Temple

ओम सूर्याय नमः 

मध्य प्रदेश के दतिया जिले में शहर से 17 किलोमीटर दूर उन्नाओ बालाजी सिद्ध सूर्य मंदिर स्थित हे. इस स्थान में एक कुण्ड हे कहा जाता हे उसमे स्नान मात्र से सभी चर्म रोग ठीक हो जाते हैं. स्थान सिद्ध हे और अत्यंत प्राचीन. कुण्ड का जल सूर्य देव को चढ़ा कर मांगी मन्नत अवश्य पूर्ण होती हैं. लगभग चार सौ वर्ष पुराने इस ऐतिहासिक सूर्य मंदिर में संतान की चाहत रखने वाले श्रद्धालुओं की भगवान के दर्शन मात्र से संतान सुख की प्राप्ति हो जाती है।

इस मंदिर में रोजाना अखंड ज्योति के लिए आठ किलो घी का उपयोग किया जाता है जबकि एक दिन में 17 किलो से अधिक का घी चढ़ावे में आता है। एक सप्ताह में यह घी सवा क्विंटल हो जाता है। अलग-अलग पर्वो पर आने वाले अतिरिक्त चढ़ावे को मिलाकर हर साल आठ टन का भंडार हो जाता है। घी को इकट्ठा करने के लिए पहले एक कुआं बनवाया गया, जब वह भर गया तो दूसरा। इस तरह पूरे नौ हो गए।

इस मंदिर में शुद्ध घी चढ़ाने की परंपरा लगभग 400 साल पहले से शुरू हुई थी। यहां मकर संक्रांति, बंसत पंचमी, रंग पंचमी और डोल ग्यारस पर ही काफी मात्र में शुद्ध घी चढ़ावे में आ जाता है। हर मौके पर भक्त 10 क्विंटल से ज्यादा घी चढ़ाकर जाते हैं।

यह मंदिर दतिया से मात्र 18 किलोमीटर और झांसी से 11 किलोमीटर की दूरी पर सड़क मार्ग पर स्थित है। दतिया और झांसी सडक मार्ग के पहुंज नदी के किनारे पर आकर्षक और सुरभ्य पहाड़ियों में स्थित इस सूर्य मंदिर पर सूर्योदय की पहली किरण सीधे मंदिर के गर्भागृह में स्थित मूर्ति पर पड़ती है

मंदिर के बारे मे मान्यता यह है कि असाध्य रोग से पीड़ित व्यक्ति यदि पहुज नदी में स्नान करके भगवान सूर्य की प्रतिमा पर जल चढ़ाता है तो उसे असाध्य रोगों से मुक्ति मिल जाती है और नि:संतान दंपत्ति को संतान का सुख मिलता है। मंदिर निर्माण 16वीं सदी में किया गया था इस प्राचीन मंदिर की मान्यता और प्रसिद्धि के बावजूद इसके रख रखाव के लिए सरकार द्वारा कोई मदद नहीं दी जा रही है।

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