2014-11-06

वक़्त नहीं लगता - कविता

घर बनाने में वक़्त लगता है,
पर मिटाने में पल का वक़्त नहीं लगता

दोस्ती बड़ी मुश्किल से बनती हैं,
पर दुश्मनी में वक़्त नहीं लगता

गुज़र जाती है उम्र रिश्ते बनाने में,
पर बिगड़ने में वक़्त नहीं लगता

जो कमाता है महीनों में आदमी,
उसे गंवाने में वक़्त नहीं लगता

पल पल कर उम्र पाती है ज़िंदगी,
पर मिट जाने में वक़्त नहीं लगता

जो उड़ते हैं अहम के आसमानों में,
जमीं पर आने में वक़्त नहीं लगता

हर तरह का वक़्त आता है ज़िंदगी में,
वक़्त के गुज़रने में वक़्त नहीं लगता...


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