2014-11-12

इतनी शक्ति हमें देना दाता

इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमजोर हो ना

हम चलें नेक रस्ते पे हमसे, भूल कर भी कोई भूल हो ना |

दूर अज्ञान के हो अंधेरे, तू हमे ज्ञान की रोशनी दे – 2,

हर बुराई से बचते रहे हम, जितनी भी दे, भली जिन्दगी दे,

बैर हो ना किसी का किसी से, भावना मन में बदले की हो ना,

हम ना सोचें हमे क्या मिला है, हम ये सोचे किया क्या है अर्पण,

फ़ूल खुशियों के बाँटे सभी को, सबका जीवन ही बन जाए मधुबन,

अपनी करूणा का जल तू बहा के, कर दे पावन हर इक मन का कोना,

हर तरफ़ ज़ुल्म है, बेबसी है, सहमा सहमा सा हर आदमी है

पाप का बोझ बढता ही जाए, जाने कैसे ये धरती थमी है

बोझ ममता का तू ये उठा ले, तेरी रचना का ये अंत हो ना!

इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमजोर हो ना

हम चलें नेक रस्ते पे हमसे, भूल कर भी कोई भूल हो ना
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