2014-11-05

डॉक्टर की इन्सानियत - कहानी

एक डॉक्टर को जैसे ही एक urgent सर्जरी के बारे में फोन करके बताया गया. वो जितना जल्दी वहाँ आ सकते थे आ गए. वो तुरंत हि कपडे बदल कर ऑपरेशन थिएटर की और बढे.


डॉक्टर को वहाँ उस लड़के के पिता दिखाई दिए जिसका इलाज होना था. पिता डॉक्टर को देखते ही भड़क उठे, और चिल्लाने लगे.. "आखिर इतनी देर तक कहाँ थे आप?

क्या आपको पता नहीं है की मेरे बच्चे की जिंदगी खतरे में है . क्या आपकी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती..
आप का कोई कर्तव्य है या नहीं ? ”


डॉक्टर ने हलकी सी मुस्कराहट के साथ कहा- “मुझे माफ़ कीजिये, मैं हॉस्पिटल में नहीं था. मुझे जैसे ही पता लगा, जितनी जल्दी हो सका मैं आ गया.. 


अब आप शांत हो जाइए, गुस्से से कुछ नहीं होगा” ये सुनकर पिता का गुस्सा और चढ़ गया. भला अपने बेटे की इस नाजुक हालत में वो शांत कैसे रह सकते थे…


उन्होंने कहा- “ऐसे समय में दूसरों को संयम रखने का कहना बहुत आसान है. आपको क्या पता की मेरे मन में क्या चल रहा है.. अगर आपका बेटा इस तरह मर रहा होता तो क्या आप इतनी देर करते..


यदि आपका बेटा मर जाए अभी, तो आप शांत रहेगे? कहिये..”


डॉक्टर ने स्थिति को भांपा और कहा- “किसी की मौत और जिंदगी ईश्वर के हाथ में है.
हम केवल उसे बचाने का प्रयास कर सकते है.. आप ईश्वर से प्राथना कीजिये.. और मैं अन्दर जाकर ऑपरेशन करता हूँ…” ये कहकर डॉक्टर अंदर चले गए..


करीब 3 घंटो तक ऑपरेशन चला.. लड़के के पिता भी धीरज के साथ बाहर बैठे रहे..ऑपरेशन के बाद जैसे ही डाक्टर बाहर निकले..


वे मुस्कुराते हुए, सीधे पिता के पास गए.. और उन्हें कहा- “ईश्वर का बहुत ही आशीर्वाद है. आपका बेटा अब ठीक है.. अब आपको जो भी सवाल पूछना हो पीछे आ रही नर्स से पूछ लीजियेगा..


ये कहकर वो जल्दी में चले गए.. उनके बेटे की जान बच गयी इसके लिए वो बहुत खुश तो हुए.. पर जैसे ही नर्स उनके पास आई.. वे बोले.. “ये कैसे डॉक्टर है.. इन्हें किस बात का गुरुर है.. इनके पास हमारे लिए जरा भी समय नहीं है..”


तब नर्स ने उन्हें बताया.. कि ये वही डॉक्टर है जिसके बेटे के साथ आपके बेटे का एक्सीडेँट हो गया था.....
उस दुर्घटना में इनके बेटे की मृत्यु हो गयी.. और हमने जब उन्हें फोन किया गया.. तो वे उसके क्रियाकर्म कर

रहे थे… और सब कुछ जानते हुए भी वो यहाँ आए और आपके बेटे का इलाज किया...

नर्स की बाते सुनकर बाप की आँखो मेँ खामोस आँसू बहने लगे ।


मित्रो ये होती है इन्सानियत ""


जन्म लिया है तो सिर्फ साँसे मत लीजिये,
जीने का शौक भी रखिये..
शमशान ऐसे लोगो की राख से..
भरा पड़ा है जो समझते थे.....
दुनिया उनके बिना चल नहीं सकती.

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