2014-10-13

एक खूबसूरत सोच


एक खूबसूरत सोच :

अगर कोई पूछे जिंदगी में क्या खोया और क्या पाया ...
तो कहना...
जो कुछ खोया वो मेरी नादानी थी
और
जो भी पाया वो भगवन कि  मेहेरबानी थी!
खुबसूरत रिश्ता है मेरा और भगवान के बीच में,
ज्यादा मैं मांगता नहीं और कम वो देता नहीं   
एक सुकून कि तालाश मे,
ना जाने कितनी बेचैनियाँ पाल लीं... और लोग कहते हैं,
हम बड़े हो गये और ज़िन्दगी संभाल ली... बचपन में सबसे अधिक पूछा गया एक सवाल ।
-बड़े होकर क्या बनना है....? अब जाकर जवाब मिला ।
-फिर से बच्चा बनना है ....!!

"प्रेम चाहिये तो समर्पण खर्च करना होगा।
विश्वास चाहिये तो निष्ठा खर्च करनी होगी।
साथ चाहिये तो समय खर्च करना होगा।
किसने कहा  रिश्ते मुफ्त मिलते हैं ।
मुफ्त तो  हवा भी नहीं मिलती ।
एक साँस भी तब आती है जब एक  साँस
छोड़ी जाती है..."

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कहते है -
     शब्दों के दांत नहीं होते है
      लेकिन शब्द जब काटते है
        तो दर्द बहुत होता है और कभी कभी
           घाव इतने गहरे हो जाते है की
              जीवन समाप्त  हो जाता है
                परन्तु घाव नहीं भरते.............
इसलिए जीवन में जब भी बोलो मीठा बोलो मधुर बोलो

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”दूसरों को इतनी जल्दी माफ़ कर दिया करो“…
”जितनी जल्दी आप उपरवाले से अपने लिए माफ़ी की उम्मीद रखते हो”…


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