छठ पूजा की विधि
सुबह
ब्रह्ममुहूर्त में उठकर शौच आदि कार्यों से निवृत्त होकर नदी के तट पर जाकर आचमन
करें तथा सूर्योदय के समय शरीर पर मिट्टी लगाकर स्नान करें। इसके बाद पुन: आचमन कर
शुद्ध वस्त्र धारण करें और सप्ताक्षर मंत्र- ऊँ खखोल्काय स्वाहा से सूर्यदेव को अर्घ्य
दें।
इसके बाद भगवान सूर्य को लाल फूल, लाल वस्त्र
व रक्त चंदन अर्पित करें। धूप-दीप दिखाएं तथा पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं। अंत
में, हाथ जोड़कर सूर्यदेव से प्रार्थना करें।
छठ के मुख्य विधि-विधान निम्न हैं-
·
श्रद्धालु नदी के तट पर एकत्रित
होकर अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दें।
·
धार्मिक गीतों के साथ अस्त होते
सूर्य को विशेष प्रसाद अर्पित किया जाना चाहिए।
·
प्रसाद बनाते समय पवित्रता और सफ़ाई
का ख़ास ध्यान रखना चाहिए।
·
कोसी नामक एक विधि भी भक्तों द्वारा
मनाई जाती है जिसमें एक मिट्टी का दीपक जलाया जाता है और उसे गन्ने की छड़ों से
बने मंडप में रखा जाता है।
- सूर्य उपासना के इस पावन पर्व पर नहाय-खाय के अगले दिन व्रतियों द्वारा निर्जला उपवास रहकर खरना किया जाता है. खरना में दूध, अरवा चावल व गुड से बनी खीर एवं रोटी का भोग लगाया जाता है. खरना के बाद व्रतियों का 36 घंटों का निर्जला उपवास शुरू हो जाएगा, जो उदीयमान सूर्य को अर्घ देने के बाद पारण के साथ पूरा होगा.
No comments:
Post a Comment