2014-10-18

अपनी मनोकामना पूर्ति कैसे करे

रामायण के मंत्रो से करे अपनी मनोकामना पूर्ति

आपकी मनोकामना पूर्ति के लिए रामायण मै विशेष दोहे अर्थात मंत्र दिए गए है। जिसमे से आप भी अपनी ईच्छा के अनुसार दोहे रुपी मंत्रो का चयन कर प्रति दिन इनका जाप कर अपनी मनोकामना की प्राप्ती कर सकते है।

विद्या प्राप्ति के लिए

गुरू ग्रह गये पढन रघुराई।
अलप काल विद्या सब आई।।

ग्रह प्रवेश या किसी अन्य प्रदेश में व्यापार प्रारंभ करते समय

प्रबिसि नगर कीजे सग काज।
हृदय राखि कौसलपुर राजा।।

सुख सम्पति प्राप्ति हेतु

जे सकाम नर सेनहि जे गावहिं।
सुख सम्पति नाना विधि पावहि।।

आपसी प्रेम बढाने के लिए

सब नर करहि परस्पर प्रीति।
चलाहि स्वधर्म निरत श्रति नीति।।

रोगनाशः उपद्वनाश हेतु

देहिक दैविक भौतिकता तापा।
राम राज लही काहुीि व्यापा।।

वशीकरण के लिए

करतल बान धनुष अति सोहा।
देखत रूप चराचर सोहा।।

सभी विपतियों के नाश के लिए

राजिव नयन धरें धनु सायक।
भगत बिपति भजन सुखदायक।।

शीघ्र विवाह के लिए

तब जनक पाई बसिष्ठ आयसु,ब्याह साज संवारि कै।
मांडवी श्रृत किरति उर्मिला, कुंअरि लई हंकारि कैं।।

भागयोदय के लिए

मंत्र महामनि विषय ब्याल के लिए।
मेटत कठिन कुअंक भाल के।।

संतान प्राप्ति के लिए

एहि विधि गर्भ सहित सब नारी।
भई हृदय हरषित सुख भारी।।
बा दिन ते हरि गर्भहि आये।
सकल लोक सुख संयति छायें।।

निर्धनता निवारण हेेतु

अतिथि पुज्य प्रियतम पुरारि के।
कामद धन दारिद दवारी के।।

शत्रुता निवारण हेतु

गरल सुधा रिपु करहि मिताई।
मोपद सिंधु अनल सितलाई।।

ज्वर नाश के लिए

स्ुानु खगपति यह कथा पावनी।
त्रिविध ताप भव भय दावनी।।

अकाल मृत्यु दोष दूर करनें हेतु

नाम पाहरू दिवस निसि ध्यान तुम्हारा कपाट।
लोचन निज पद जंत्रित जाहिं प्रान केहि बाट।।

कोर्ट केस में विजय प्राप्ति हेतु

पवन तनय बल पवन समाना।
जेहि पर कृपा करहि जनु जानी।
कबि उर अजिर न चावहि बानी।।

व्यक्तित्व में निखार हेतु

जेहि के जेहि पर सत्य सनेहूं।
सो तेहि मिलई न कछु संदेहूं।।

मोक्ष प्राप्ति हेतु

मो सम दीन न दीन हित तुम्ह समान रघुवीर।
अस विचारि रघुवीर मनि हरहु विषय भव भीर।।

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