एक लड़की ससुराल चली गई।
कल की लड़की आज बहु बन गई.
कल तक मौज करती लड़की,
अब ससुराल की सेवा करना सीख गई.
कल तक तो टीशर्ट और जीन्स पहनती लड़की,
आज साड़ी पहनना सीख गई.
पिहर में जैसे बहती नदी,
आज ससुराल की नीर बन गई.
रोज मजे से पैसे खर्च करती लड़की,
आज साग-सब्जी का भाव करना सीख गई.
कल तक FULL SPEED स्कुटी चलाती लड़की,
आज BIKE के पीछे बैठना सीख गई.
कल तक तो तीन वक्त पूरा खाना खाती लड़की,
आज ससुराल में तीन वक्त
का खाना बनाना सीख गई.
हमेशा जिद करती लड़की,
आज पति को पूछना सीख गई.
कल तक तो मम्मी से काम करवाती लड़की,
आज सासुमां के काम करना सीख गई.
कल तक भाई-बहन के साथ झगड़ा करती लड़की,
आज ननद का मान करना सीख गई.
कल तक तो भाभी के साथ मजाक करती लड़की,
आज जेठानी का आदर करना सीख गई.
पिता की आँख का पानी,
ससुर के ग्लास का पानी बन गई.
फिर लोग कहते हैं कि बेटी ससुराल जाना सीख गई.
(यह बलिदान केवल लड़की ही कर सकती है,इसिलिए हमेशा लड़की की झोली वात्सल्य से भरी रखना...)
Salute to all girls
कल की लड़की आज बहु बन गई.
कल तक मौज करती लड़की,
अब ससुराल की सेवा करना सीख गई.
कल तक तो टीशर्ट और जीन्स पहनती लड़की,
आज साड़ी पहनना सीख गई.
पिहर में जैसे बहती नदी,
आज ससुराल की नीर बन गई.
रोज मजे से पैसे खर्च करती लड़की,
आज साग-सब्जी का भाव करना सीख गई.
कल तक FULL SPEED स्कुटी चलाती लड़की,
आज BIKE के पीछे बैठना सीख गई.
कल तक तो तीन वक्त पूरा खाना खाती लड़की,
आज ससुराल में तीन वक्त
का खाना बनाना सीख गई.
हमेशा जिद करती लड़की,
आज पति को पूछना सीख गई.
कल तक तो मम्मी से काम करवाती लड़की,
आज सासुमां के काम करना सीख गई.
कल तक भाई-बहन के साथ झगड़ा करती लड़की,
आज ननद का मान करना सीख गई.
कल तक तो भाभी के साथ मजाक करती लड़की,
आज जेठानी का आदर करना सीख गई.
पिता की आँख का पानी,
ससुर के ग्लास का पानी बन गई.
फिर लोग कहते हैं कि बेटी ससुराल जाना सीख गई.
(यह बलिदान केवल लड़की ही कर सकती है,इसिलिए हमेशा लड़की की झोली वात्सल्य से भरी रखना...)
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