नरक चतुर्दशी पूजा विधान एवं क्या करे
नरक चतुर्दशी कार्तिक मास
की कृष्ण पक्ष
की चतुर्दशी नरक चतुर्दशी अथवा रूप चतुर्दशी एव छोटी
दीपावली के रूप
में मनायी जाती
है।
- नरक से मुक्ति पाने हेतु इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर शरीर में तेल उपटन लगाकर जल मे स्नान करने का बड़ा महात्मय है।
- स्नानादि से निर्वित्त होकर यमराज का तर्पण कर तीन अंजलि जल अर्पित करना चाहिये
- स्नान के पश्चात विष्णु मंदिर और कृष्ण मंदिर में भगवान का दर्शन करना अत्यंत पुण्यदायक होता है। इससे पाप का नाश होता है और रूप सौन्दर्य की प्राप्ति होती है
- इसी दिन देवाधीदेव महादेव के एकादश अवतार बजरंग बली भगवान हुनमान जी की जयंती भी मनाई जाती है। इस दिन हनुमान जी को सिंदूर अवश्य चढ़ाये | हनुमान चालीसा, हनुमत अष्टक व बजरंग बाण, सुंदर कांड का पाठ करने से शनि, राहु व केतु जन्य दोषों से मुक्ति पाई जा सकती है।
- संध्याकालीन समय में यमराज का पूजन कर दीपदान करना चाहीए । तद्पश्चात एक थाली में एक चौमुखी दीपक और सोलह छोटे दीपक लेकर तेल बाती डालकर जलाना चाहिए।
- माता लक्ष्मीजी की पूजा आज भी करनी चाहिए
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