2014-10-21

नरक चतुर्दशी पूजा विधान एवं क्या करे

नरक चतुर्दशी पूजा विधान एवं क्या करे


नरक चतुर्दशी कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी नरक चतुर्दशी अथवा रूप चतुर्दशी एव छोटी दीपावली के रूप में मनायी जाती है। 
  1. नरक से मुक्ति पाने हेतु इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर शरीर में तेल उपटन लगाकर जल मे स्नान करने का बड़ा महात्मय है।  
  2. स्नानादि से निर्वित्त होकर यमराज का तर्पण कर तीन अंजलि जल अर्पित करना चाहिये
  3. स्नान के पश्चात विष्णु मंदिर और कृष्ण मंदिर में भगवान का दर्शन करना अत्यंत पुण्यदायक होता है। इससे पाप का नाश होता है और रूप सौन्दर्य की प्राप्ति होती है
  4. इसी दिन देवाधीदेव महादेव के एकादश अवतार बजरंग बली भगवान हुनमान जी की जयंती भी मनाई जाती है। इस दिन हनुमान जी को सिंदूर अवश्य चढ़ाये हनुमान चालीसा, हनुमत अष्टक बजरंग बाण, सुंदर कांड का पाठ करने से शनि, राहु केतु जन्य दोषों से मुक्ति पाई जा सकती है।
  5. संध्याकालीन समय में यमराज का पूजन कर  दीपदान करना चाहीए  तद्पश्चात एक थाली में एक चौमुखी दीपक और सोलह छोटे दीपक लेकर तेल बाती डालकर जलाना चाहिए। 
  6. माता लक्ष्मीजी की पूजा आज भी करनी चाहिए

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