2014-12-21

संसद पर हमले में शहीदों की याद में

13 दिसम्बर संसद पर हमले में शहीदों की याद में ==


जब भारत की रक्षा करने खाकी वर्दी लाल हुई।

संसद छूने वाली ताकत सौ गज दूर हलाल हुई।
उनके गरम खून के छींटे साहस की तहरीर बने।
वो जीते जी लोकतंत्र के मन्दिर की तहरीर बने।
नौं जवानो की कुर्बानी ने भारत का मान रखा।
अपनी लाशें बिछा नींव में ऊपर हिन्दुस्तान रखा।
ऐसी वर्दी पहन जिन्होंने सीना तान दिया।
देश सुरक्षित रहे स्वयं का जीवन दान किया।
उनके लिए हमारी आँखों में थोड़ा सा पानी है।
जबतक सूरज चाँद रहेगा उनकी अमर कहानी है।
उनके जीवन के कुछ लम्हों का भारी एहसान है।
उनके एक लम्हे पर जिंदा युग-युग हिन्दुस्तान है।

                           मदन मोहन समर 



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