ऋग्वेद के अनुसार सुखी
जीवन के मन्त्र
आज का मानव
निरंतर सुखों की खोज में है किन्तु कार्य व्यवहार, दिनचर्या
उसकी ऐसी है की सुख उस के पास आना ही नहीं चाहते | यदि ऋग्वेद में बताये गए मंत्रो का पालन किया जाये तो
जीवन की सुखी बनाया जा सकता है
ऋग्वेद के अनुसार सुखी जीवन के मन्त्र
१. सदा प्रसन्नचित
रहें, प्रसन्नचित रहने के लिए मन का निर्मल होना आवश्यक है |
२. दृष्टि सुन्दर हो | दृष्टि को
सुन्दर रखने के लिए यह आवश्यक है कि हम बुरी बातों को ,
बुरे दृश्यों को न देखें |
३. सुखी परिवार हो | सुखी परिवार
के लिये क्लेश और अपयश को दूर रखे |
४. निरोग रहें | निरोगता के लिये व्ययाम और योगा निरंतर करें |
५. पाप रहित हों | पाप रहित रहने के लिये जीवन से राग – द्वेष,
मद – मोह तथा रोग शोक का त्याग करें |
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