2014-12-29

मैं वैंटीलेटर पर हूं

मैं वैंटीलेटर पर हूं

यमलोक के दरवाजे पर दस्तक हुई तो यमराज ने जाकर दरवाजा खोला। उन्होंने बाहर झांका तो एक मानव को सामने खड़ा पाया। यमराज ने कुछ बोलने के लिए मुंह खोला ही था कि वह एकाएक गायब हो गया। 

यमराज चौंके और फिर फाटक बंद कर लिया। तकाल फिर दस्तक हुई। उन्होंने फिर दरवाजा खोला। उसी मानव को फिर सामने मौजूद पाया, लेकिन वह आया और फिर गायब हो गया।

ऐसा तीन-चार बार हुआ तो यमराज धीरज खो बैठे और अबकी बार उसे पकड़ ही लिया और पूछा, 'क्या बात है भाई, क्या ये आना-जाना लगा रखा है। मुझसे पंगा ले रहे हो?' 
मानव ने जवाब दिया, 
'अरे नहीं महाराज, दरअसल मैं वैंटीलेटर पर हूं!'
वैंटीलेटर

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