पत्नी और घड़ी के बीच का संबंध :....⌚..⌚
- समानताएं :
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1. घड़ी चौबीस घंटे टिक-टिक करती रहती है !! और पत्नी चौबीस घंटे किट-किट करती रहती है !!
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2. घड़ी की सूइयाँ घूम-फिर कर वहीं आ जाती हैं !! उसी प्रकार पत्नी को
फिर कर वहीं आ जायेगी और अपनी ही बात मनवायेगी !!
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3. घड़ी बिगड़ जाये तो मैकेनिक के यहाँ जाती है !! पत्नी बिगड़ जाये तो मैके जाती है !!
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4. घड़ी को चार्ज करने के लिये सेल (बैटरी) का प्रयोग होता है !! और पत्नी को चार्ज करने के लिये सैलेरी का प्रयोग होता है !!
- विषमतायें :
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1. घड़ी में जब १२ बजते हैं तो तीनों सूइयाँ एक दिखाई देती हैं !! लेकिन पत्नी के जब १२ बजत
े हैं तो एक पत्नी भी ३-३ दिखाई देती है !!
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2. घड़ी के अलार्म बजने का फिक्स टाइम है !! लेकिन पत्नी के अलार्म बजने का कोई फिक्स टाइम नहीं है !!
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3.घड़ी बिगड़ जाये तो रूक जाती है !! लेकिन जब पत्नी बिगड़ जाये तो शुरू हो जाती है !!
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4. सबसे बड़ा अंतर ये कि घड़ी को जब आपका दिल चाहे बदल सकते हैं !! मगर पत्नी को चाह कर भी बदल नहीं सकते
Dedicated to all Males who are married -
"कह दो समुंदर से मुझे, जरुरत नही उन लहरों की...
बस एक बीवी ही काफी है, ज़िन्दगी में तूफ़ान लाने के लिए...
" मेरी प्यारी बीवी "..!!!
बस एक बीवी ही काफी है, ज़िन्दगी में तूफ़ान लाने के लिए...
" मेरी प्यारी बीवी "..!!!
" सवाल " कुछ भी हो,
" जवाब " तुम ही हो.
" रास्ता " कोई भी हो,
" मंज़िल " तुम ही हो.
" दु:ख " कितना भी हो,
" खुशी " तुम ही हो.
" अरमान " कितना भी हो,
" आरज़ू " तुम ही हो.
" गुस्सा " जितना भी हो,
प्यार तुम ही हो .
" ख्वाब " कोई भी हो,
" तकदीर " तुम ही हो.
यानि ऐसा समझो कि ,
" फसाद " कुछ भी हो,
सारे " फसाद " की " जड़ " ,
सिर्फ " तुम " ही हो ..
" जवाब " तुम ही हो.
" रास्ता " कोई भी हो,
" मंज़िल " तुम ही हो.
" दु:ख " कितना भी हो,
" खुशी " तुम ही हो.
" अरमान " कितना भी हो,
" आरज़ू " तुम ही हो.
" गुस्सा " जितना भी हो,
प्यार तुम ही हो .
" ख्वाब " कोई भी हो,
" तकदीर " तुम ही हो.
यानि ऐसा समझो कि ,
" फसाद " कुछ भी हो,
सारे " फसाद " की " जड़ " ,
सिर्फ " तुम " ही हो ..
हिम्मत है तो अपनी-अपनी " बीवियों " को ये मेसेज भेजना ......!व
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