राजनीति
एक बार एक बच्चे ने अपने पिता से पुछा कि पापा ये राजनीति क्या होती है/
पापा... जब बडे हो जाओगे तब बताउँगा कि राजनीति क्या होती है/
बच्चा जिद करने लगा तो पापा ने बताया/
पापा... जब बडे हो जाओगे तब बताउँगा कि राजनीति क्या होती है/
बच्चा जिद करने लगा तो पापा ने बताया/
पापा..अच्छा ये बताओ कि इस घर मे कमाता कौन है?
बच्चा... आप
पापा.. खर्च कौन करता है?
बच्चा...मम्मी
पापा.. घर का काम कौन करता है?
बच्चा... नौकरानी
पापा... देखता कौन है सबको?
बच्चा.. मै
पापा ने कहा कि मै हु अर्थ व्यवस्था,
तुम्हारी मम्मी है सरकार,
नौकरानी है कर्मचारी
और तुम हो जनता/
ये है राजनीति/
बच्चा सो गया/ रात मे वाशरुम जाने के लिये उठा तो सोचा कि मम्मी को जगा लेता हूँ मगर कई बार जगाने के बाद भी मम्मी नहीं उठी फिर पापा के कमरे मे गया तो पापा गायब मिले फिर नौकरानी के कमरे मे गया तो देखा कि पापा नौकरानी को छेड़ रहे है,बच्चा चुपचाप वाशरुम से आकर सो गया/
सुबह उठ कर पापा के पास गया और बोला कि मै राजनीति का मतलब समझ गया हूँ/
अर्थ व्यवस्था अपने कर्मचारी का शोषण कर रही है,
सरकार खर्राटे मार कर सो रही है
और
जनता चुपचाप सब कुछ देख रही है और
विरोध भी नहीं कर पा रही है/
ये है आज की राजनीति
सुबह उठ कर पापा के पास गया और बोला कि मै राजनीति का मतलब समझ गया हूँ/
अर्थ व्यवस्था अपने कर्मचारी का शोषण कर रही है,
सरकार खर्राटे मार कर सो रही है
और
जनता चुपचाप सब कुछ देख रही है और
विरोध भी नहीं कर पा रही है/
ये है आज की राजनीति
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