:::::::::::::: अपील :::::::::::::
ऐसे समय सड़क किनारे धंधा करने वाले इन छोटे- छोटे लोगों से मोलभाव न करें…।
मिट्टी के दीपक, लक्ष्मी जी के पाने,खील- बताशे, झाड़ू, रंगोली (सफ़ेद या रंगीन), रंगीन पन्नियाँ इत्यादि बेचने वालों से क्या मोलभाव करना??
जब हम टाटा-बिरला-अंबानी-भारती के किसी भी उत्पाद में मोलभाव नहीं करते (कर ही नहीं सकते), तो दीपावली के समय चार पैसे कमाने की उम्मीद में बैठे इन रेहड़ी- खोमचे-ठेले वालों से "कठोर मोलभाव" करना एक प्रकार का अन्याय ही है..उसे यह बेचकर कोई शापिंग माल नही बनाना है सिर्फ अपने परिवार के लिए कुछ पेसे इकट्ठे करने है ताकि वो लोग भी दीपावली मना सकें सहमत है तो सभी को जागरुक करें,...
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