2015-03-13

ऊँचाई

अटल बिहारी वाजपेयी जी की लिखी हुई कुछ पंक्तियों 




ऊँचाई

ऊँचे पहाड़ पर,
पेड़ नहीं लगते,
पौधे नहीं उगते,
न घास ही जमती है।
जमती है सिर्फ बर्फ,
जो, कफन की तरह सफेद और,
मौत की तरह ठंडी होती है.
खेलती, खिल-खिलाती नदी,
जिसका रूप धारण कर,
अपने भाग्य पर बूंद-बूंद रोती है.

                                    अटल बिहारी वाजपेयी

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