2015-03-09

गुरू ज्ञान - हास्य कविता

   गुरू ज्ञान.      


साले की बुराई,
शक्की को दवाई,
प्रेमी को अपने दोस्त से मिलाना,
पत्नी को अपनी असली इन्कम बताना,
नवजात कुत्ते के बच्चे को सहलाना,
और पहलवान की बहन से इश्क लड़ाना,
  
  कभी नहीं, कभी नहीं !!
नाई से उधारी में दाढ़ी
या फिर सेकंड हैण्ड गाड़ी,
नॉन वेज होटल में वेजिटेरियन खाना,
और बिना पानी देखे टॉयलेट में जाना,
     कभी नहीं, कभी नहीं !!
दो नंबर की कमाई रिश्तेदार के नाम रखना,
सुंदर जवान नौकरानी को काम पर रखना,
पत्नी से सुंदर पड़ोसन को बताना,
और पुलिस वाले को मकान में किराये पर रखना,
       कभी नहीं, कभी नहीं !!
बिना हाथ दिए गाड़ी मोड़ना,
सफ़र में सहयात्री के भरोसे अटैची छोड़ना,
चिपकू मेहमान को बढ़िया खाना खिलाना,
टीचर के बच्चे को ट्यूशन पढ़ाना,
      कभी नहीं, कभी नहीं !!
चोरी के डर से पड़ोसी को सुलाना,
कम उम्र की महिला को आंटी बुलाना,
लंगर की पंक्ति में आखिर में बैठना,
और पत्नी से उसके मायके में ऐंठना,
      कभी नहीं, कभी नहीं !!

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