तू ही बता क्या यार लिखूँ
तेरे बारे में कुछ लिखने बैठा हूँ,
सोच रहा हूँ कि क्या इस बार लिखूँ...!!??
कुछ अपनों के ज़ज्बात लिखूँ,
या सपनों की सौगात लिखूँ ...
तुझे खिलते सूरज आज लिखूँ
या तेरा चेहरा चाँद गुलाब लिखूँ ...
मैं डूबते सूरज को देखूँ,
या तुझे उगते फूल की साँस लिखूँ ...
वो पल मे बीते साल लिखूँ,
या सादियों लम्बी रात लिखूँ ...
जब थी तू मेरे पास लिखूँ,
या तुझसे दूरी का एहसास लिखूँ ...
मैं अंधे के दिन सा वर्णन करूँ तेरा,
या आँख वालों की मैं रात लिखूँ ...
तुझे मीरा की पायल सा बोलूँ,
या गौतम की सी मुस्कान लिखूँ...
बचपन मे बच्चों सा खेलूँ ,
या जीवन की ढलती शाम लिखूँ ...
तेरे प्यार में सागर सा गहरा हो जाऊँ,
या तुझे अम्बर का विस्तार लिखूँ ...
तुझे पहली-पहली प्यास लिखूँ,
या निश्छल पहला प्यार लिखूँ...
मैं सावन कि बारिश में भीगूँ ,
या आँखों से हुई बरसात लिखूँ ...
मैं गीता का अर्जुन हो जाऊँ,
या लंका रावन राम लिखूँ ...
मैं हिन्दू मुस्लिम हो जाऊँ
या प्यार में बेबस इंसान लिखूँ ...
मैं एक ही मजहब को जी लूँ ,
या मेरा मजहब ही आँखें चार लिखूँ ...
कुछ जीत लिखूँ , या हार लिखूँ ...
या दिल का सारा प्यार लिखूँ ...
या तुझे बस दर्द का एक अहसास लिखूँ ॥
मैं लिखने बैठा हूँ तेरे बारे में,
तू ही बता क्या यार लिखूँ !!!??
तेरे बारे में कुछ लिखने बैठा हूँ,
सोच रहा हूँ कि क्या इस बार लिखूँ...!!??
कुछ अपनों के ज़ज्बात लिखूँ,
या सपनों की सौगात लिखूँ ...
तुझे खिलते सूरज आज लिखूँ
या तेरा चेहरा चाँद गुलाब लिखूँ ...
मैं डूबते सूरज को देखूँ,
या तुझे उगते फूल की साँस लिखूँ ...
वो पल मे बीते साल लिखूँ,
या सादियों लम्बी रात लिखूँ ...
जब थी तू मेरे पास लिखूँ,
या तुझसे दूरी का एहसास लिखूँ ...
मैं अंधे के दिन सा वर्णन करूँ तेरा,
या आँख वालों की मैं रात लिखूँ ...
तुझे मीरा की पायल सा बोलूँ,
या गौतम की सी मुस्कान लिखूँ...
बचपन मे बच्चों सा खेलूँ ,
या जीवन की ढलती शाम लिखूँ ...
तेरे प्यार में सागर सा गहरा हो जाऊँ,
या तुझे अम्बर का विस्तार लिखूँ ...
तुझे पहली-पहली प्यास लिखूँ,
या निश्छल पहला प्यार लिखूँ...
मैं सावन कि बारिश में भीगूँ ,
या आँखों से हुई बरसात लिखूँ ...
मैं गीता का अर्जुन हो जाऊँ,
या लंका रावन राम लिखूँ ...
मैं हिन्दू मुस्लिम हो जाऊँ
या प्यार में बेबस इंसान लिखूँ ...
मैं एक ही मजहब को जी लूँ ,
या मेरा मजहब ही आँखें चार लिखूँ ...
कुछ जीत लिखूँ , या हार लिखूँ ...
या दिल का सारा प्यार लिखूँ ...
या तुझे बस दर्द का एक अहसास लिखूँ ॥
मैं लिखने बैठा हूँ तेरे बारे में,
तू ही बता क्या यार लिखूँ !!!??
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