ईश्वर से क्या व कैसी प्रार्थना करें - महर्षि दयानन्द सरस्वती
कई बार हम ईश्वर से प्रार्थना करते है परन्तु वह पूरी नहीं होती। इससे हमें दुःख पहुंचने के साथ ईश्वर के प्रति आस्था व विश्वास में न्यूनता उत्पन्न होती है। हमारी प्रार्थना पूरी न होने के कई कारण हो सकते हैं। हमारी पात्रता में कमी हो सकती है। हम जो मांग रहे हैं, यह आवश्यक नहीं कि वह हमारे हितकर ही हो। महर्षि दयानन्द के अनुसार हम ईश्वर से जिस प्रकार की प्रार्थना करें उसके अनुरुप आवश्यक मात्रा में कर्म या पुरुषार्थ भी अवश्य करें। यदि हम ऐसा करते हैं तो देर-सवेर हमारी प्रार्थना अवश्य पूरी होती है।
ईश्वर समस्त ऐश्वर्यों का स्वामी होने के कारण ही ईश्वर कहलाता है। जीवात्मा अल्पज्ञ, अल्प शक्ति व सामर्थ्यवाला है। अतः बुद्धि, ज्ञान, स्वास्थ्य, बल, शक्ति व ऐश्वर्य आदि के लिए ईश्वर की स्तुति, प्रार्थना व उपासना करना स्वाभाविक व आवश्यक है।
कई पौराणिक मन्दिरो मै महर्षि दयानन्द सरस्वती जी का किया हुआ गायत्री मन्त्र का हिन्दी में अर्थ का उपयोग किया गया है ।
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