कंजूस नामदेव और उसकी वाईफ एक मेले में गए..
वहां एक हेलीकाप्टर आया हुआ था, जो मेले का चक्कर लगवाने के ₹. 100/- रुपये लेता था।
नामदेव हेलीकाप्टर की सवारी नहीं करना चाहता था, पर वाईफ करना चाहती थी..
नामदेव -
"पांच मिनट की सवारी करके तू कौनसी रानी बन जाएगी?
100 रुपये आखिर 100 रुपये होते है.."
"पांच मिनट की सवारी करके तू कौनसी रानी बन जाएगी?
100 रुपये आखिर 100 रुपये होते है.."
वाईफ फिर भी जिद कर रही थी, और नामदेव बार-बार यही कहे जा रहा था की-
"समझा कर, 100 रुपये आखिर 100रुपये होते
है यार.."
"समझा कर, 100 रुपये आखिर 100रुपये होते
है यार.."
उनकी बातचीत पायलट ने सुन ली।
वो बोला-
"सुनो, मैं तुम लोगो से कोई
पैसा नहीं लूँगा।
लेकिन शर्त ये होगी, की सवारी के दौरान तुम दोनों में से कोई, एक शब्द भी नहीं बोलेगा।
और अगर बोला, तो ₹. 100/- रुपये लग जायेगे.."
"सुनो, मैं तुम लोगो से कोई
पैसा नहीं लूँगा।
लेकिन शर्त ये होगी, की सवारी के दौरान तुम दोनों में से कोई, एक शब्द भी नहीं बोलेगा।
और अगर बोला, तो ₹. 100/- रुपये लग जायेगे.."
उन्होंने ये शर्त मान ली।
पायलट ने उन्हें पिछली सीट पर बिठाया और उड़ गया।
आसमान में पायलट ने खूब कलाबाजिया की, ताकि उन
दोनों की आवाज निकलवा सके।
पर पीछे की सीट से कोई नहीं बोला..
पायलट ने उन्हें पिछली सीट पर बिठाया और उड़ गया।
आसमान में पायलट ने खूब कलाबाजिया की, ताकि उन
दोनों की आवाज निकलवा सके।
पर पीछे की सीट से कोई नहीं बोला..
आखिर जब वो नीचे उतरने लगे तब पायलट ने कहा-
"अब तुम बोल सकते हो।
ये बताओ, मैंने इतनी कलाबाजियां की, पर न तो तुम्हे डर लगा, न तुम चीखे ना चिल्लाए.."
"अब तुम बोल सकते हो।
ये बताओ, मैंने इतनी कलाबाजियां की, पर न तो तुम्हे डर लगा, न तुम चीखे ना चिल्लाए.."
नामदेव बोला-
"डर तो लगा था..
उस वक़्त तो मेरी चीख निकल ही गई होती,जब वाईफ नीचे गिरी..
"डर तो लगा था..
उस वक़्त तो मेरी चीख निकल ही गई होती,जब वाईफ नीचे गिरी..
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पर यार, 100 रुपये आखिर 100 रुपये होते है.."
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