2015-01-27

मेरी आदत नही - कविता

किसी को तकलीफ देना, मेरी आदत नही...!
बिन बुलाया मेहमान बननामेरी आदत नही...!

मैं अपने गम मे रहता हु,
नवाबों की तरह,
औरो को खुश देखकर जलना,
मेरी आदत नही...!
सबको हँसता ही देखना चाहता हु मै,
किसी को धोखे से भी रुलाना,मेरी आदत नही...!
बाँटना चाहता हु तो बस प्यार और मोहब्बत,
यु नफरत फैलाना मेरी आदत नही...!
ज़िंदगी मिट जाये, किसी की खातिर गम नही,
कोई बद्दुआ दे मरने की यु जीना,
मेरी आदत नही...!
सबसे दोस्त की हैसियत से बोल लेता हु,
किसी का दिल दुखा दु मेरी आदत नही...!
दोस्ती होती है,
दिलों के चाहने पर,
ज़बरदस्ती दोस्ती करना,
मेरी आदत नही..!

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