2015-01-08

सात अंक का महत्व

आज का दर्शन

हमारे अस्तित्व से 7 अंक जुडा हुआ है जो हमे इस प्रकृति और ब्रह्मांडीय
रचना से जोड़ता है

¶ 1¶
हमारे ब्रह्मांड में व्याप्त 7 शरीर है
1) दैवी- Devine
2) प्रथम जिव - Monadic
3) परमाणु - atomic
4) आत्मिक - spritual
5) मानसिक - mental
6) सूक्ष्म - subtle
7) भौतिक - physical

¶ 2 ¶
अपने देह में भी 7 प्रकार के शरीर है
अस्थि -bone , नाड़ी - nverve, संचरण- circulatory , लसिका- lymphatic ,नालिकाकार-tabular ,चर्म - skin


¶ 3 ¶
आत्मा रूपी सूर्य के 7 चेतना केंद्र है
प्राण ,चक्षु ,जिह्वा ,त्वचा ,कर्ण , मन और बुद्धि

¶ 4 ¶
भारतीय काव्य शास्त्र में मुख्य 7 छंद है
जिससे सारा तंत्र मन्त्र वेद संहिता रची गयी
गायत्री , उष्णिक, अनुदुष्य , बृहती ,
पंक्ति , त्रिष्टुप, और जगती

¶ 5 ¶
संगीत के 7 सुर
सा,रे,ग,म,प,ध,नि

¶ 6 ¶
शरीर के भीतर मूल उर्जा के 7 केंद्र है जिसे सप्त चक्र कहते है
मूलाधार - पदार्थ और आकर शक्ति
स्वाधिष्ठान - क्रिया शक्ति
नाभि -अति मनस जिव शक्ति
अनाहत - प्रेम सौन्दर्य और आनंद
की शक्ति विशुद्ध - शब्द , ब्रह्म शक्ति
आज्ञा - संकल्प ज्योति ज्ञान शक्ति
सहस्त्रार - अंतिम , निरपेक्ष शक्ति

¶ 7 ¶
ब्रह्मशक्ति अनुसार गायत्री के साथ सात लोको का आयाम
भू , भुव: , स्व:, तप: ,जन , मह: ,सत्यम

¶ 8 ¶
अस्तित्व के 7 परिमाण
लंबाई , चोडाई , ऊंचाई , गहराई , स्थल-
काल, विचार जगत , भावना जगत , अद्वैत अवस्था

¶ 9 ¶
तत्व ज्ञान अनुसार मनुष्य के 7 शरीर
स्थूल, सूक्ष्म ,कारण, मनस, आत्मिक,
देव , ब्रह्म

¶ 10 ¶
शास्त्र अनुसार अस्तित्व की 7 शक्ति
परा, ज्ञान, इछा, क्रिया, कुंडलिनी,
मातृका, और गुह्य शक्ति

¶ 11 ¶
आयुर्वेद अनुसार शरीर की सप्त धातु
रस, रक्त , अस्थि, त्वचा, मास, मेद, शुक्र

¶ 12 ¶
सूर्य के सप्तरंग किरण
जम्ब्ली, नीला , आसमानी, हरा, पिला ,
नारंगी ,लाल

¶ 13 ¶
हमारा सूक्ष्म 7 वस्तु का बना हुआ है
पांच तत्व, पांच प्राण , पांच
ज्ञानेन्द्रिय, पांच कर्मेन्द्रिय , पांच
तन्मात्रा , अंत: करण , चतुष्ठ्य ,
आकांक्षा संस्कार

¶ 14 ¶
सप्त पर्वत - विदृत , हिमालय , धूतिवान,
पुष्प्वान, कुशेसय ,हरी शैल , मंदराचल

¶ 15 ¶
सप्त अग्नि - ब्रह्माग्नी , आत्मग्नी ,
योगाग्नि, कालाग्नि, सुर्याग्नी ,
वैश्वानर , आतय
सप्त अग्नि जिह्वा - काली,
कराली,मनोजवा , लोहिता , धुम्रवर्णा ,
स्फुलिगिनी , विश्वरूचि

¶ 16 ¶
सप्तऋषि - वशिष्ठ , कश्यप, अत्रि ,
जमदग्नि , गौतम , विश्वामित्र ,
भरद्वाज
इस प्रकार हमारे शास्त्र शरीर और धर्म
में 7 अंक का बड़ा महत्व है

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