2015-01-08

शरीर और आत्मा की बातें

शरीर और आत्मा की बातें चलो सुनते है :-
सुबह के ४ बजे
आत्मा - चलो उठो साधना का समय

हो गया है ! उठो ना !
शरीर -सोने दो न ! क्यों तंग कर
रही हो ? पता नहीं रात को बहूत देर से सोया था.........थोड़ी देर के
बाद करता हु साधना
आत्मा - ठीक है (मुझे भूख
लगी ये समजता ही नहीं है )
सुबह के 6 बजे
आत्मा - अब तो उठ जाओ ! सूरज भी आपनी किरणे फेलाते हुए हमें उठा रहा है उठो न plzzzzz.
शरीर -कितना परेशान करते हो ! ठीक है उठ रहा हु 5 मिनट बस सोने दो !
आत्मा शरीर के इंतजार में 5 मिनट बाद उठा
आत्मा -छट -पट्टाती हुई शरीर की इंतजार में कब ये उठेगा और मेरी भूख को शांत करेगा !!!!!
थोड़ी देर बाद साधना में बेठने का शरीर ने वख्त निकला २०-२५ मिनट साधना में बेठा और यहाँ आत्मा की कुछ तृप्त ही हुई थी की शरीर उठ गया.......


आत्मा - अरे रे रे रे क्या हुआ क्यों उठ गए अभी तो में तृप्त हुई भी नहीं हु की तुम उठ रहे हो !!!!! क्या हुआ कहा जा रहे हो ?
शरीर - अरे मुझे (ऑफिस or घर का )काम पे जाना है तुम्हे तो कुछ समज में नहीं आता !!!!
आत्मा - ठीक है शाम को तो साधना करोगे ना !
शरीर - (परेशान होते हुए ) हाँ हाँ सारा दिन निकल गया आत्मा भूख के तड़पते हुए ......शाम हो गई आत्मा खुश हुई अब तो मेरी भूख का निवारण हो ही जायेगा ...


शरीर ऑफिस or घर के काम से
कुछ फ्री ही हुआ था की आत्मा आती है और आवाज देती है
आत्मा -अरे फ्री हो गए ! अब तो चल
ही सकते हो साधना के लिए चलो ना
शरीर -क्या सारा दिन तंग करती रहती हो देखती नहीं हो में अभी ऑफिस or घर से फ्री हुआ हूँ थक गया हूँ
आत्मा - अरे तुम थके हुए हो तो साधना में जेसे बेठोगे तो तुम्हारी थकान चुटकी के दूर हो जाएगी ...
आत्मा -नहीं अभी नहीं रात
को पक्का बेठुंगा
शरीर ने अपनी भुख को शांत किया,
आँखे नींद में भरी हुई, थकान से बुरा हाल जेसे तेसे आत्मा की ख़ुशी के लिए साधन ा में बेठे यहाँ आत्मा की कुछ भूख शांत हुई थी की यहाँ शरीर
की आँखे नींद से भरी हुई शरीर उठा और सोने के लिए जा ही रहा था
आत्मा - क्या हुआ क्यों उठ गए अब
बेठे ही थे की उठ भी गए
शरीर - में थक गया हु कल सुबह
को पकका ४ बजे उठ के साधना करुगा
आत्मा - तुम फिर से बहाना बना रहे
हो तुम नहीं उठोगे मुझे पता है आत्मा दुखी होकर चुप हो गई


यहाँ शरीर मोबाइल पे msg देखा शरीर - अरे ये तो मेरे best frd का msg है चलो थोड़ी देर बात करके सोता हु ... यहाँ आत्मा सोचती है मन ही मन (देखो साधना के वक्त इसे नींद आ रही थी और अब देखो frd से बात करने के वक्त नींद ही गायब हो गई ।
जिसकी वजह से इसका आस्तित्व है उसी की ही परवाह नहीं इसे) आत्मा - खेर चलो कल देखते है फिर वही क्रिया सुबह के ४ बजे से रात के वक्त तक और आत्मा भूखी की भूखी रह गई आज की साधना में हुआ अनुभव ....

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