2015-01-03

गीता का अर्थपूर्ण सन्देश

गीता का अर्थपूर्ण सन्देश

एक दिन यमराज एक लड़के के पास आये और बोले -
"लड़के, आज तुम्हारा आखरी दिन है!"
लड़का :  "लेकिन मैं अभी तैयार नही हुँ !".
यमराज : "ठीक है लेकिन सूची मे तुम्हारा नाम पेहला हैं ".
लड़का : "ठीक है , फिर क्युं ना हम जाने से पेह्ले साथ मे बैठ कर चाय पी ले ?
यमराज : "सही है".
लड़के ने चाय मे नीद की गोली मिला कर यमराज को दे दी.
यमराज ने चाय खत्म करी और गहरी नींद मे सो गये
लड़के ने सूची मे से उसका नाम शुरुआत से हटा कर अंत मे लिख दिया.
जब यमराज को होश आया तो वह लड़के से बोले -  "क्युंकी तुमने मेरा बहुत ख्याल रखा इसलिये मे अब सूची अंत से चालू करूँगा" !!!

सीख :

"किस्मत का लिखा कोई नही मिटा सकता"
अर्थात - जो तुम्हारी किस्मत मे है वह कोई नही बदल सकता चाहे तुम कितनी भी कौसिश कर लो .
इसलिये भगवत गीता मे श्री कृष्णा ने कहा है -
"तू करता वही है जो तू चाहता है,
पर होता वही है जो मैं चाहता हुँ
तू कर वह जो मैं चाहता हुँ
फिर होगा वही जो तू चाहता हैं"
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यह एक अर्थपूर्ण है !
इसलिये इसे पढ़े और दूसरो को भी इसके बारे मे बताये l
दुसरे सन्देश तो बहुत शेयर किये है पर भगवान के इस सन्देश को ज्यादा से ज्यादा आगे शेयर करे ।
धन्यवाद,
"जय श्री कृष्णा"


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