संकल्प के साथ साथ विकल्प भी चाहिए
नए साल के आगमन पर लोग विभिन्न प्रकार के संकल्प लेते हैं, परन्तु अधिकतर लोग ज्यादा दिनों तक उस संकल्प पर अमल नहीं कर पाते हैं. किसी ने संकल्प लिया कि अब ऑफिस रोज समय से पहुंचूंगा. वो कुछ दिन ऑफिस समय से भी गया, परन्तु फिर पुराने ढर्रे पर चलने लगा. बहुत से लोग नए साल पर शराब, सिगरेट, तम्बाकू, गुटका और अन्य बहुत सी बुरी चीजें और बुरी आदतें छोड़ने का संकल्प लेते हैं, परन्तु सालभर तो क्या वो मुश्किल से दो चार दिन ही अपने संकल्प को निभा पातें हैं. . मन को जब छोड़ी हुई चीजों के स्वाद की बहुत याद आती है, तब हमारी इन्द्रियां बरबस ही हमें उन त्यागी हुई बुराइयों की तरफ खिंचती हैं.
मन को संकल्प के साथ साथ विकल्प भी चाहिए, तभी बुरी आदतें हमेशा के लिए छूट सकती हैं. जैसे शराब आपने छोड़ दी है तो उसकी जगह फलों का जूस पीलिये या फिर स्वास्थ्य के लिए हितकर कोई शरबत पीजिये. आपने कोई बुराई छोड़ी है तो उसकी जगह कोई अच्छाई पकड़िए. अच्छे कामों में अपने आप को हमेशा व्यस्त रखिये.
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